भोपाल। डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, मध्य प्रदेश (DGP MP) ने पुलिस कर्मचारियों के ट्रांसफर एवं पोस्टिंग के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी ने मध्य प्रदेश के सभी पुलिस जोन में पुलिस स्थापना बोर्ड का गठन कर दिया है। सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक के ट्रांसफर जोनल पुलिस स्थापना बोर्ड में ही किए जाएंगे।
मध्य प्रदेश के हर पुलिस जोन में पुलिस स्थापना बोर्ड का गठन
मध्यप्रदेश में अब से पहले तक पुलिस मुख्यालय स्तर पर ही पुलिस स्थापना बोर्ड था लेकिन अब डीजीपी के निर्देश के बाद प्रदेश के हर जोन में एक बोर्ड (Board) का गठन कर दिया गया। इस बोर्ड में आईजी अध्यक्ष, डीआईजी और एसपी सदस्य हैं। खास बात यह है कि जोनल पुलिस स्थापना बोर्ड ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर स्वतंत्र होगा। यह बोर्ड कांन्स्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक का ट्रांसफर कर सकेगा। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने गाइडलाइन और दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।
सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक के ट्रांसफर जोनल पुलिस स्थापना बोर्ड करेगा
जोनल पुलिस स्थापना बोर्ड को उनके अधिकार दिए गए हैं। ऐसे में अब कांन्स्टेबल से इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी व कर्मचारियों को पुलिस मुख्यालय, नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उसे यदि अपना ट्रांसफर- पोस्टिंग करानी है तो जोनल पुलिस स्थापना बोर्ड में आवेदन देना ही पड़ेगा। बोर्ड ही फैसला लेगा कि ट्रांसफर- पोस्टिंग करना है या फिर नहीं।
ये है ट्रांसफर, पोस्टिंग की गाइडलाइन
जिला पुलिस बल के कांस्टेबल से लेकर सब इंस्पेक्टर तक के अधिकारियों-कर्मचारियों को जोन के अंतर्गत एक इकाई से दूसरे कार्य में ट्रांसफर करने के लिए आवेदन स्थापना बोर्ड को देना होगा। स्थापना बोर्ड ट्रांसफर लिस्ट पर अपना अनुमोदन देकर पुलिस आईजी आदेश जारी करेंगे। वहीं, जिला पुलिस के इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों का जोन के अंतर एक इकाई से दूसरी इकाई में ट्रांसफर करने के लिए जोनल पुलिस स्थापना बोर्ड को पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा से अनुमोदन लेकर आदेश जारी करेगा।
ये रहेगी ट्रांसफर और पोस्टिंग की शर्त
1 कांन्स्टेबल से इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों के ट्रांसफर जोन से बाहर या किसी अन्य गैर जिला इकाई के आवेदन पर भी पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा से अभिमत लेकर कार्रवाई करनी होगी।
2 ट्रांसफर की कुछ शर्तें भी रहेंगे जिनमें अनुकंपा से नियुक्त अधिकारी कर्मचारियों को छोड़कर नव आरक्षक की ट्रांसफर तभी किए जा सकेंगे, जब वह जिस जिले से भर्ती हुए हैं। उस जिले में नियुक्ति के दौरान 5 साल की सेवा को पूर्ण कर लिया हो और बुनियादी ट्रेनिंग पास कर ली हो।
3 कांन्स्टेबल से लेकर निरीक्षक अधिकारी और कर्मचारी के जिले में ट्रांसफर के लिए पात्र नहीं होंगे लेकिन यदि उनके रिटायरमेंट का एक साल बचा है तो जिले में पदस्थ किया जा सकता है।
4 अविवाहित या विधवा तलाकशुदा महिला अधिकारी, कर्मचारी और अनुकंपा नियुक्ति के मामले में जिले में स्थानांतरण किए जा सकेंगे।
5 ट्रांसफर पोस्टिंग के प्रस्ताव की अनुशंसा करते समय इस बात का ध्यान भी रखना होगा कि कांस्टेबल से लेकर दूसरे रैंक के अधिकारी की योग्यता सूची पर योग्य कर्मचारियों के प्रत्याशी पदोन्नति पर प्रतिकूल असर नहीं डालें।
6 जिन अधिकारियों, कर्मचारियों का पूर्व में ट्रांसफर शिकायत आवश्यकता के आधार पर किया था, उनकी उसी इकाई में पदस्थापना नहीं की जाएगी. -प्रधान आरक्षक और एएसआई के पद पर पदस्थ पदोन्नति पश्चात पदस्थापना के जिले में 5 साल एवं 3 साल सेवा काल पूर्ण करने के बाद ट्रांसफर की पात्रता होगी।
7 पति- पत्नी के स्वयं के खर्चे पर एक ही साथ पदस्थापना के लिए आवेदन आता है तो उनका ट्रांसफर जिले या मुख्यालय स्तर पर किया जा सकता है।
8 आपसी ट्रांसफर की स्थिति में भी बोर्ड फैसला लेगा।
9 कैंसर जैसी टर्मिनल और अत्यंत गंभीर बीमारी में भी ट्रांसफर किए जाएंगे।
10 जिला पुलिस बल में रिक्त पदों में ट्रांसफर के लिए स्वीकृत पदों से अधिक पदस्थापना नहीं की जाएगी।
11 ट्रांसफर में पैदा होने वाले विवाद, गतिरोध की स्थिति में अंतिम फैसला डी जी पी लेंगे।