कलेक्टर से लेकर क्लर्क तक सब लगा दिए लेकिन शराब नहीं बेच पाई सरकार, अब नई व्यवस्था

Posted By: Himmat Jaithwar
6/10/2020

भोपाल। मध्यप्रदेश में शराब बिक्री के कारण शिवराज सिंह सरकार को जितनी सामाजिक भर्त्सना मिली है, शायद 15 वर्ष के कार्यकाल में नहीं मिली थी। शराब बेचने के लिए शिवराज सिंह सरकार हर स्तर पर पूरी कोशिश कर रही है। हालत यह है कि कलेक्टर से लेकर क्लर्क तक सारे सरकारी कर्मचारियों को शराब बिक्री के लिए लगा दिया गया लेकिन फिर भी शराब की दुकान नहीं चलाई जा सकी। अंततः शराब की दुकानों को अस्थाई संविदा पर देने की तैयारी शुरू हो गई है।

कहीं महिला कर्मचारी तो कहीं पुलिस से शराब की बिक्री करवाई गई 

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर ठेकेदारों द्वारा शराब की दुकानें सरेंडर करने के बाद प्रदेश के गांव-गांव में शराब बिक्री के लिए हाथ और शिवराज सिंह सरकार ने कलेक्टरों को निर्देशित किया कि किसी भी कीमत पर शराब बिक्री का क्रम टूटना नहीं चाहिए। नतीजा कलेक्टरों ने चुनाव ड्यूटी की तरह कर्मचारियों को शराब बिक्री ड्यूटी पर लगा दिया। कुछ जगहों पर राजस्व विभाग की महिला कर्मचारी तो कुछ जगहों पर पुलिस विभाग की महिला कर्मचारियों को तैनात किया गया। कुछ दुकानों पर लोगों की जान बचाने के लिए नियुक्त किए गए होमगार्ड को जानलेवा शराब के काउंटर पर सेल्सबॉय बना कर खड़ा कर दिया गया।

अब क्या करने वाली है शिवराज सिंह सरकार

मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रेस को जारी सूचना के अनुसार मदिरा दुकानों की अनुज्ञप्तियों के निरस्त होने तथा उनकी वर्ष 2020-21 की शेष अवधि के लिए पुनर्निष्पादन के बीच लगने वाली समयावधि में राजस्व हित में इस व्यवस्था द्वारा मदिरा दुकानों का संचालन किया जा सकेगा। आबकारी आयुक्त ने वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी जिला कलेक्ट्रर्स को आवश्यक कार्यवाही करने के लिये परिपत्र भेजा है।

मदिरा की दुकानों का चयन इस तरह से करना है: कलेक्टर के लिए निर्देश

जिला समिति द्वारा मदिरा दुकान संचालन के लिए समूहों का निर्धारण किया जायेगा। इसके लिए वर्ष 2019-20 में निर्धारित एकल समूहों को यथासंभव उसी स्वरूप में रखा जाएगा। इसके पूर्व की अवधि में अथवा 2020-21 में जिस स्थान पर मदिरा दुकान संचालित थी, यथासंभव वहीं संचालित होंगी। इसके लिए संबंधित कलेक्टर द्वारा उन दुकानों का आवश्यकतानुसार अधिग्रहण किया जा सकेगा। आंशिक अवधि के लिए मदिरा दुकानों के संचालन के लिए जारी अनुज्ञप्ति कभी भी निरस्त करने के आदेश देने के लिए कलेक्टर को अधिकृत किया गया है।

जिले में किसी भी व्यक्ति को 5 समूह से अधिक एकल समूह/समूह आवंटित नहीं हो सकेंगे। एक व्यक्ति द्वारा पाँच से अधिक समूहों में उच्चतम आफर देने पर चयन की स्थिति में उच्चतम वार्षिक मूल्य वाले 5 समूहों को आवंटन के लिए विचार किया जाएगा।

मदिरा दुकान हेतु सुरक्षा राशि एवं अर्नेस्टमनी का निर्धारण कैसे करेंगे

एकल समूह के निविदा आफर देने के पहले एक दिवस के आरक्षित मूल्य के समतुल्य राशि ऑनलाइन जमा कर कोषालयीन चालन अर्नेस्टमनी पर प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। यह राशि सुरक्षा निधि का भाग होगी।

सफल आवेदक को अनुज्ञप्ति जारी होने के पहले सुरक्षा निधि में आरक्षित मूल्य के दो गुना राशि ऑनलाइन (चालन/ बैंक गारंटी के रूप में) जमा करना होगा। इस तरह सुरक्षा निधि आरक्षित मूल्य के तीन गुना के बराबर होगी। ठेका अवधि के अंत में सुरक्षा राशि समायोजन अथवा वापसी योग्य होगी। इन शर्तों का उल्लंघन करने पर सुरक्षा निधि राजसात होगी।

आरक्षित मूल्य/दैनिक प्रत्याभूति राशि / ड्यूटी का निर्धारण

किसी भी मदिरा दुकान के लिए प्रचलित वर्ष के लिए प्राप्त वार्षिक मूल्य में 365 का भाग देने पर प्राप्त एक दिन के मूल्य को आरक्षित मूल्य मान्य होगा। इसके विरुद्ध प्राप्त तथा स्वीकृत निविदा दर/ऑफर को मदिरा दुकान के संचालन के लिए दैनिक प्रत्याभूत ड्यूटी की राशि माना जाएगा।



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