श्रीगंगानगर. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस) अब भारत के युवाओं को हनी ट्रैप में फंसाकर सेना की खुफिया सूचनाएं निकलवाने का हथकंडा अपनाया है। इसके लिए उन्होंने ट्रेंड महिलाओं की एक टीम बनाई है, जो युवाओं को बातों में फंसाकर उनसे सेना की जासूसी करने को कहती हैं। ये महिलाएं राजस्थान सीमा के पास रहने वाले युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए टारगेट करती है।
महिलाएं युवकों से कुछ महीनों तक बातचीत कर टारगेट को भरोसे में लेती हैं, फिर उन्हें सेना की जासूसी करने के लिए उकसाती हैं। युवा कभी प्रेम जाल में फंसकर तो कभी पैसे के लालच में उनका साथ देना शुरू कर देते हैं। महिलाओं का टारगेट ज्यादातर ऐसे लोग होते हैं, जो सेना या बीएसएफ से किसी भी तरह से जुड़े हुए हैं।
पाकिस्तान से सटी दूसरी सबसे लंबी सीमा राजस्थान में
क्षेत्र |
पाकिस्तान से सीमा की लंबाई |
जम्मू-कश्मीर |
1222 किमी |
राजस्थान |
1170 किमी |
गुजरात |
506 |
पंजाब |
425 किमी |
कुल |
3323 किमी |
श्रीगंगानगर इसलिए निशाने पर
राजस्थान का श्रीगंगानगर पाकिस्तान के बहावलपुर से सटा है, जहां आईएसआई का मुख्यालय है। वहीं, श्रीगंगानगर में सैन्य छावनियां और वायुसेना की मूवमेंट होती रहती है। हर साल युद्धाभ्यास भी होते हैं, इसलिए आईएसआई यहां अपने जासूस तैयार करता रहता है।
राजस्थान के बाॅर्डर एरिया में पकड़े गए पाकिस्तान जासूस
- 2011 में सूरतगढ़ एसडीएम कार्यालय के क्लर्क पवन शर्मा काे सीआईडी ने पाकिस्तान सेना काे गाेपनीय जानकारियां भेजने के आराेप में पकड़ा था।आराेप थे कि वह सामरिक महत्व के नक्शे और फाेटाे आईएसआई काे भेजता था।
- 2019 जनवरी में जैसलमेर छावनी में तैनात सैनिक साेमवीर काे भी आईएसआई की महिला अधिकारी ने अनिका चाेपड़ा के नाम से फेसबुक पर दाेस्त बनाकर हनी ट्रैप किया था। महिला ने 45 सैनिकाें से दाेस्ती की, लेकिन साेमवीर फंस गया। काफी जानकारियां भी जुटा ली थीं।
- 6 जून 2020 काे लालगढ़ जाटान छावनी से विकास जाट और महाजन फायरिंग रेंज से चिमनलाल नायक काे पकड़ा गया। ये दाेनाें भी आईएसआई की महिला अधिकारी, जिसने अनुष्का चाेपड़ा के नाम से फेसबुक आईडी बना रखी थी, से संपर्क में आए थे।
भारतीय सीमा पर आता है पाकिस्तानी टॉवर का नेटवर्क
बीएसएफ की खुफिया विंग के रिटायर्ड डिप्टी कमांडेंट ओपी चाहर कहते हैं कि भारतीय सीमा में लंबे समय से पाकिस्तानी टॉवरों का नेटवर्क आ रहा है। इससे हमारी सीमा में पाकिस्तानी सिम से आसानी से बात हाे जाती है। सेना और अर्धसैनिक बलाें में साइबर क्राइम बढ़ रहा है। या तो सैनिकों काे सोशल मीडिया अकाउंट चलाने पर पाबंदी लगे या वे अपने सैनिक हाेने की पहचान काे छिपाकर रखें। आईएसआई साेशल मीडिया प्लेटफार्म काे लड़कियाें के जरिए इस्तेमाल कर रहा है।