अफसर गिरी छोड़ नेता बने लक्ष्मण सिंह डिंडोर ने कांग्रेस की करवा दी फजिअत
रतलाम,(तेज़ इंडिया टीवी)। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओ को दरकिनार कर ग्रामीण विकास विभाग के सीईओ लक्षण सिंह डिंडोर पर भरोसा जताया और उन्हें रतलाम ग्रामीण से कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया क्यों की लक्ष्मण सिंह डिंडोर ने प्रदेश के नेताओ को यह भरोसा दिलाया था की एक वही उम्मीदवार है जो रतलाम ग्रामीण से चुनाव जित सकते है। प्रदेश के नेतृत्व ने भी उनपर भरोसा किया और उम्मीदवार बना दिया डिंडोर ने अपने स्तीफे और टिकिट की लड़ाई तो जीत ली लेकिन जमनी पर हार गए।
रतलाम ग्रामीण से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े लक्षण सिंह डेंडोर कांग्रेस का वोट बैंक भी नहीं बचा पाए। 2023 विधासभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्यशी लक्ष्मण सिंह डिंडोर को 68644 वोट मिले वही 2018 में कांग्रेस प्रत्यशी को थावर भूरिया को 74201 मिले थे। यानी अफसर से नेता बने लक्षण सिंह डिंडोर ने कांग्रेस का 5000 से अधिक वोटो का नुकसान करवा दिया।
जिस को किया था चैलेंज उसी से हारे डिंडोर
कांग्रेस प्रत्याशी लक्षण डिंडोर का सीईओ रहते विधायक मथुराला डामर से विवाद हो गया था और डिंडोर ने मथुरालाल डामर को चेलेंज कर दिया था की एक दिन वह इसी सीट से विधायक बनेगे और तब से ही सीईओ लक्षण सिंह डिंडोर को चुनाव लड़ने का भुत सवार हो गया था 2018 में भी वह कोंग्रेस से टिकट लाने में सफल हुए थे लेकिन स्तीफा नहीं होने से उनका टिकट केंसल हो गया था। लेकिन डिंडोर ने चुनाव लड़ने की जिद नहीं छोड़ी और 2023 में फिर विधासभा का टिकिट ले आए और भाजपा प्रत्याशी मथुरालाल डामर से 34324 वोटो से हार गए ।