रतलाम निगम आयुक्त का आडियो हो रहा वायरल
रतलाम ,(तेज़ इंडिया डिजिटल डेस्क)। दैनिक वेतन भोगी की नियुक्ति में हुए धांधली की शिकायत के मामले में रतलाम नगर निगम आयुक्त को जारी हुए नोटिस के बाद नियम आयुक्त अपना होश खो बैठे और कहने लगे लोकयुक्त की औकात है की वो मुझे नोटिस दे।
दरसल नगर निगम में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी की नियुक्ति को लेकर कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं। इस पूरे मामले की शिकायत एक व्यक्ति द्वारा लोकायुक्त उज्जैन में की गई थी। लोकायुक्त में पदस्थ उप पुलिस अधीक्षक द्वारा नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी करते हुए 3 दिन में जवाब तलब का सुचना पत्र दिया था जिसके बाद तेज़ इंडिया ने इस खबर को प्रकशित किया था। खबर प्रकाशित होने के बाद जब पत्रकार ने रतलाम निगम आयुक्त एपीएस गहरवार से फ़ोन पर चर्चा की तो उन्होंने लोकायुक्त को ही कटघरे में खड़ा कर दिया और बोले की लोकायुक्त की क्या औकात है जो मुझे नोटिस दे। आयुक्त से फोन पर हुई चर्चा का आडियो अब सोशल मिडिया पर वायरल हो रहा है। हलाकि तेज़ इंडिया इस आडियो की पुष्टि नहीं करता है।
रतलाम नगर निगम में पदस्थ आयुक्त एपीएस गहरवार लोकायुक्त जैसी संस्था को ही कहने लगे की उसकी औकात क्या है इसी से आप अंदाजा लगा सकते है की रतलाम नगर निगम में अफसर शाही कितनी हावी है और आम जनता के प्रति इनका क्या रवैया होगा। अब देखना यह है की लोकायुक्त को उनकी औकात दिखाने वाले कमिश्नर पर लोकायुक्त जैसी संस्था क्या कार्यवाही करती है।
क्या है लोकायुक्त
लोकायुक्त संस्था का सृजन जन साधारण को स्वच्छ प्रशासन प्रदान करने के उद्देश्य से लोक सेवकों के विरूद्ध भ्रष्टाचार एवं पद के दुरूपयोग सम्बन्धी शिकायतों पर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से जॉंच एवं अन्वेषण करने हेतु लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1973 के अन्तर्गत हुआ।
लोकायुक्त संस्थान के दायरे में राज्य के मंत्रियों, सचिवों, विभागाध्यक्षों, लोकसेवकों, जिला परिषदों के प्रमुखों व उप प्रमुखों, पंचायत समितियों के प्रधानों व उप-प्रधानों, जिला परिषदों व पंचायत समितियों की स्थायी समितियों के अध्यक्षों, नगर निगमों के महापौर एवं उप महापौर, स्थानीय प्राधिकरण, नगरपरिषदों, नगरपालिकाओं व नगर विकास न्यासों के अध्यक्षों व उपाध्यक्षों, राजकीय कम्पनियों व निगमों अथवा मण्डलों के अध्यक्षों, अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध शिकायतों की जाँच की जाती है।