चंडीगढ़. पंजाब के करीब 4000 पंचायतों को विकास कार्यों के लिए दी सरकारी ग्रांट में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। शिकायतें मिलने के बाद सरकार ने मामले की जांच विजिलेंस से कराने का फैसला लिया है। पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी है।
उन्होंने चेतावनी दी कि वित्तीय संसाधनों से किसी को खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है। पंचायतों को बताना होगा कि किस कार्य पर कितना पैसा खर्च किय। अनियमितता पाने पर पंचायत प्रतिनिधियों पर केस दर्ज किया जाएगा। जिस गांव की ग्रांट के इस्तेमाल में हेराफेरी पाई गई तो उस गांव के सरपंच को सस्पेंड करके, उस पर धोखाधड़ी का मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।
जिला विजिलेंस अधिकारियों को जारी किए गए निर्देश
सूबे में कुल 12800 गांव में से सरकार ने विभिन्न जिलों की 4000 पंचायतों में ग्रांट के उपयोग को लेकर संदेह की स्थिति है। इसीलिए सरकार की ओर से जिलों के विजिलेंस अधिकारियो को दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। विजिलेंस सभी संबंधित पंचायतों में ग्रांट्स की गहनता से जांच करेगी।
पंजाब के करीब 4000 पंचायतों को विकास कार्यों के लिए दी सरकारी ग्रांट में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। शिकायतें मिलने के बाद सरकार ने मामले की जांच विजिलेंस से कराने का फैसला लिया है। पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी है। उन्होंने चेतावनी दी कि वित्तीय संसाधनों से किसी को खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है। पंचायतों को बताना होगा कि किस कार्य पर कितना पैसा खर्च किय। अनियमितता पाने पर पंचायत प्रतिनिधियों पर केस दर्ज किया जाएगा। जिस गांव की ग्रांट के इस्तेमाल में हेराफेरी पाई गई तो उस गांव के सरपंच को सस्पेंड करके, उस पर धोखाधड़ी का मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।