55 हजार गांवों, 380 शहर-कस्बों में प्रदेश सरकार का सर्वे; दूसरे राज्यों से मप्र लौटे आधे से ज्यादा प्रवासी मजदूर 30 साल से कम उम्र के

Posted By: Himmat Jaithwar
6/9/2020

भोपाल. कोरोना काल में बेरोजगार होकर दूसरे राज्यों से मप्र लौटे 7.30 लाख मजदूरों में से आधे से ज्यादा 18 से 30 साल की उम्र के हैं। जबकि एक चौथाई से ज्यादा 30 से 40 वर्ष के हैं। राज्य सरकार ने 55 हजार गांवों और 380 शहर-कस्बों में घर लौटे मजदूरों का सर्वे कराया है। सर्वे में श्रम विभाग ने दावा किया कि अगले एक सप्ताह के अंदर सभी प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार मिल जाएगा। इनके रजिस्ट्रेशन सेतु पोर्टल पर हो रहे हैं।  सरकार जून-जुलाई में मजदूरों के लिए रोजगार मेला आयोजित करने की तैयारी भी कर रही है। सर्वे मुताबिक इन मजदूरों में 82.8% पुरुष और 11.2% महिलाएं हैं। 96.4% गांवों में लौटे हैं, जबकि 3.6% शहरों में। सबसे कम प्रवासी मजदूर इंदौर, भोपाल और नरसिंहपुर जिलों में आए हैं। 

  • प्रदेश में लौटे प्रवासी मजदूर - 7,30,311
  • प्रवासी मजदूरों के परिजन  - 5,79,85
  • कुल प्रवासी - 13,10,186

 प्रवासी मजदूरों की वापसी वाले टॉप-10 जिले 

  1. बालाघाट     -   54,817
  2. छतरपुर      -   48462
  3. मुरैना        -    47,747
  4. रीवा         -    45,336
  5. सतना        -   39,480
  6. सीधी     -       31,704
  7. भिंड     -        28,703
  8. पन्ना        -      26991
  9. सिवनी     -      25,806
  10. टीकमगढ़  -     24,365

असंगठित क्षेत्र के 30.4 फीसदी
प्रवासी मजदूरों में आधे से अधिक असंगठित क्षेत्र में काम करते थे। इसके बाद सर्वाधिक 30.4 फीसदी मजदूर निर्माण क्षेत्र में कार्यरत थे। 19 फीसदी मजदूर औद्योगिक क्षेत्रों में काम करते थे।



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