भोपाल. हमीदिया अस्पताल में अब कोरोना के गंभीर मरीजों की ऑक्सीजन थैरेपी होगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने हमीदिया अस्पताल को चार हाई फ्लो नेजल केनुला मशीन दी है। इससे अब कोरोना मरीज को अधिकतम 60 लीटर प्रति मिनट की रफ्तार से ऑक्सीजन दी जा सकेगी। अभी अस्पताल में मरीजों की आॅक्सीजन थैरेपी वेंटिलेटर के मार्फत की जा रही थी।
स्वास्थ्य संचालनालय के अफसरों ने बताया कि जिन कोरोना मरीजों के ब्लड में ऑक्सीजन का लेवल 90% से कम होता है, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे मरीजों को इस थैरेपी की ज्यादा जरूरत होती है। इसके साथ ही कोविड वायरस का लोड बढ़ने लगता है। इन मरीजों को रिपोर्ट के आधार पर 15 से 60 लीटर प्रति मिनट की रफ्तार से ऑक्सीजन दी जाती है। इस पूरी खरीदी प्रक्रिया में करीब 2 महीने का समय लगा है।
वे मरीज जिनके ब्लड में ऑक्सीजन का लेवल 90% से कम उन्हें इस थैरेपी की जरूरत
हमीदिया के पल्मोनरी मेडिसिन डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पराग शर्मा ने बताया कि कोविड मरीजों की सेहत सही से सांस नहीं ले पाने के कारण बिगड़ती है। इन्फेक्शन बढ़ने से मरीज की श्वांस नली और फेंफड़ों में सूजन आ जाती है। इससे वह ऑक्सीजन नहीं ले पाता। हालत गंभीर होने पर इनका इलाज अभी वेंटिलेटर सपोर्ट पर किया जाता है। इसमें वेंटिलेटर की मदद से मरीज को दी जा रही ऑक्सीजन का फ्लो बढ़ाया जाता है। लेकिन, ये मशीन एन्वायर्नमेंटल ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन में कन्वर्ट कर, सेंट्रल लाइन ऑक्सीजन के साथ व्यक्ति को दी जा सकेगी।
4 मशीनें हमीदिया को
मप्र पब्लिक हेल्थ कार्पोरेशन के एमडी जे. विजय कुमार ने बताया कि एक कंपनी ने सीएसआर फंड से 10 हाई फ्लो नेजल केनुला मशीनें राज्य सरकार को दी हैं। इनमें से 4 हमीदिया, 4 एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर को दी हैं। एक – एक मशीन उज्जैन व सागर को दे रहे हैं।
ऑक्सीजन फ्लो स्पीड
हमीदिया अधीक्षक डाॅ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना मरीजों की दी जाने वाली आॅक्सीजन की स्पीड ड्यूटी डॉक्टर्स मरीज की रिपोर्ट के आधार पर तय करेंगे। मशीन से मरीज को आॅक्सीजन देने से 24 से 48 घंटे के भीतर सेहत में बदलाव देखने को मिलेंगे।
नई ट्रीटमेंट गाइडलाइन
कुमार ने बताया कि गंभीर कोरोना मरीजों का इलाज वेंटिलेटर के मार्फत करने का जिक्र आईसीएमआर ने कोविड-19 पेशेंट ट्रीटमेंट गाइडलाइन में किया था। गाइडलाइन में हाई फ्लो नेजल कैनुला डिवाइस से गंभीर मरीजों की ऑक्सीजन थैरेपी करने का सुझाव दिया है।