रतलाम,(तेज़ इंडिया टीवी डिजिटल डेस्क)। दल बदल की राजनीति के बाद प्रेमचंद गुड्डू दोनों ही पार्टी के निशाने पर हैं। उनकी इस दल बदल की राजनीति के कारण उनके समर्थक भी डगमगाते हुए दिख रहे है। क्यों की प्रेमचंद गुड्डू कब किस पार्टी का हाथ थाम ले ये उनके समर्थकों को ही नहीं पता यही कारण हैं कि वे अब अपने भविष्य की चिंता करने लगे हैं।
वहीं चुनावी दौर की अंतिम चरणों में सभा ले रहे नेता भी उनपर निशाना साध रहे । दोनों ही पार्टी के नेता अपने- अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए जोर आजमाइश कर रहे है। कॉंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी आलोट में कॉंग्रेस प्रत्याशी मनोज चावला के समर्थन में आम सभा संबोधित की आम सभा के दौरान कमलनाथ ने प्रेमचंद गुड्डू का नाम लिए बिना ही निशाना साधा और कहा इनका इतिहास ही गद्दारी का रहा है ये पहली बार नहीं है उसने पहले भी गद्दारी की है ये कॉंग्रेस का नहीं हुआ तो आप क्या होगा। ऐसे गद्दारों से सावधान रहना।
कपड़ों की तरह बदले दल!
बताते की प्रेमचंद कम्युनिस्ट पार्टी से कॉंग्रेस में आए सांसद रहे और जब आलोट से टिकट नहीं मिला तो नाराज होकर भाजपा का दामन थाम लिया भाजपा के टिकट से प्रेमचंद गुड्डू के पुत्र अजित बोरासी घटिया विधानसभा से चुनाव लडे और हार गए हारने के कुछ समय बाद ही उन्होंने एक बार फिर कॉंग्रेस का हाथ पकड लिया और कॉंग्रेस के टिकट से उप चुनाव लडे और फिर भाजपा प्रत्याशी से हार गए। 2023 के विधानसभा चुनाव आते ही प्रेमचंद गुड्डू ने आलोट में डेरा डाल लिया और कॉंग्रेस से आलोट विधानसभा के लिए टिकट की मांग करने लगे लेकिन यहा उनकी दाल नहीं गली और हाईकमान ने मनोज चावला को प्रत्याशी घोषित कर दिया जिससे नाराज होकर प्रेमचंद गुड्डू एक बार फिर निर्दलीय मैंदान में उतर गए।गुड्डू को लेकर आलोट में कई तरह की चर्चा हैं। लेकिन 2023 का चुनावी उट किस करवट बैठेगा य़ह तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा।