भोपाल. मप्र में छिंदवाड़ा जिले की धनकासा और शारदा भूमिगत कोयला खदानें शनिवार को शुरू हो गईं। इसमें एक हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। आने वाले चार सालों में भी कोल इंडिया देशभर में 20 खदानें प्रारंभ करने जा रहा है, इसमें से छह मप्र में होंगी। इससे नया रोजगार भी बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ऑनलाइन बटन दबाकर छिंदवाड़ा की दो खदानों काे आरंभ करने की औपचारिकता पूरी की। इस दौरान हुई एक वीडियो कांफ्रेंसिंग में केंद्रीय मंत्री सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी मौजूद रहे।
शनिवार को देश में तीन खदानें शुरू हुईं। मप्र के अलावा एक महाराष्ट्र की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मप्र में प्रगति की नई शुरुआत है। छिंदवाड़ा की दो खदानों के लिए पिछले कार्यकाल से प्रयास किए जा रहे थे। धनकासा भूमिगत खदान से 458 करोड़ और शारदा भूमिगत खदान से 57 करोड़ के केपिटल इंवेस्टमेंट की योजना है। दोनों खदानें 1.4 लाख टन सालाना कोयला उत्पादन करेंगी।
खनिज प्रधान राज्य है मध्यप्रदेश : शिवराज
इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश खनिज प्रधान राज्य है, जहां हीरा, कोयला, मिथेन गैस, कॉपर, लाइम स्टोन के भंडार हैं। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा की दो खदानों के शुरू होने से कोयला उत्पादन के साथ परिवहन के व्यय को कम कर सारणी संयंत्र तक पहुंचाने की संभावना को साकार किया जा सकेगा।
कोल उत्पादन में निजी क्षेत्र के लिए भी नीति इसी माह
कोयला मंत्री ने कहा कि देश में तीन चौथाई बिजली ताप विद्युत संयंत्रों से प्राप्त होती है, जिनके लिए कोयला अनिवार्य है। अब कोयला उत्पादन क्षेत्र में निवेश के प्रयास बढ़ाए जाएंगे। निजी क्षेत्र को भी प्रोत्साहन देने के लिए नीति प्रस्तावित है। जिसकी घोषणा इसी माह संभावित है। गडकरी ने कहा कि गत 6 वर्ष में देश में कोयला उत्पादन में वृद्धि हुई है। कोल माइनिंग में खदान से रेलवे साइडिंग तक अधोसंरचना विकास के लिए 50 हजार करोड़ के पूंजी निवेश का प्रस्ताव मंजूर हुआ है।