सितंबर के दूसरे हफ्ते तक देश से खत्म हो सकती है महामारी, मैथ्स के बैली मॉडल से किया अध्ययन, यूरोप के कई देशों में नतीजा सही निकला

Posted By: Himmat Jaithwar
6/7/2020

नई दिल्ली. देश से कोरोना संक्रमण सितंबर मध्य तक खत्म हो सकता है। यह दावा स्वास्थ्य महानिदेशालय के उप-महानिदेशक (पब्लिक हेल्थ) डॉ. अनिल कुमार और सहायक उप-महानिदेशक (लेप्रोसी) डॉ. रुपाली रॉय ने मैथ्स के बैली मॉडल के आधार पर अध्ययन करने के बाद किया है। यह स्टडी रिपोर्ट एपिडेमीलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित हुआ है।  

इस अध्ययन में मैथमैटिकल बेस्ड बैली मॉडल को आधार माना गया है। इसके अनुसार कोई भी महामारी तब खत्म हो जाती है, जब संक्रमित लोगों की संख्या के बराबर लोग उस बीमारी से ठीक हो जाएं या उनकी मौत हो जाए। मतलब संक्रमितों के बराबर उससे ठीक होने और मरने वालों की संख्या या फिर दोनों की मिलाकर कुल संख्या होनी चाहिए।

महामारी के आकलन के लिए बैली मॉडल रिलेटिव रिमूवल रेट यानी बीएमआरआरआर निकाला जाता है। यह बीमारी से ठीक हुए और मर चुके लोगों की संख्या के आधार पर तय होता है।

50% पहुंचा बीएमआरआरआर
शोध में 19 मई तक के आंकड़ों को पेश किया गया है। तब देश में 1,06,475 संक्रमण थे, जिनमें 42,306 लोग ठीक हो चुके थे। मरने वालों की संख्या 3,302 थी। इस आधार पर बीएमआरआरआर रेट 42% था। डॉ. अनिल कहते हैं, ''महामारी खत्म तभी होती है, जब बीएमआरआरआर 100% हो जाता है। आज की डेट में बीएमआरआरआर 50 % तक पहुंच चुका है। हमारी गणना कहती है कि सितंबर के मध्य तक यह 100% के करीब पहुंच जाएगा। तब यह महामारी खत्म होगी।'' 

यूरोप के कई देशों में बैली मॉडल से ही निकाले गए आंकड़े
डॉ. अनिल बताते हैं कि यूरोप के कई देशो में बैली मॉडल से आकलन किए गए हैं। वे बिल्कुल सटीक निकले हैं। हालांकि, आकलन के सफल होने में कई अन्य कारक भी प्रभाव डालते हैं। इसलिए नतीजों की सौ फीसदी गारंटी नहीं होती है।

जून-जुलाई में संक्रमण पीक पर होगा
इसके पहले एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने दावा किया था कि जून-जुलाई में कोरोना संक्रमण भारत में पीक पर होगा। इसके बाद संक्रमण का असर कम होने लगेगा। डॉ. रणदीप का यह अंदाजा सही भी लगने लगा है। जून शुरू होते ही संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है।



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