नई दिल्ली। भारत में अम्फान और निसर्ग के बाद एक और चक्रवाती तूफान (Cyclone) का खतरा मंडरा रहा है. बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) के ऊपर कम दबाव का एक क्षेत्र बन गया है. अभी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि ये कम दबाव चक्रवाती तूफान का रूप लेगा या नहीं. लेकिन मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक 4-5 दिनों तक इस पर नजर रखी जाएगी.
चक्रवाती तूफान बनने का खतरा
समंदर में कम दबाव का क्षेत्र आमतौर पर किसी भी तूफान का पहला स्टेज होता है. अगर ये चक्रवाती तूफान में तब्दील नहीं भी होता है तो भी तटीय इलाकों में तेज बारिश की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में 10 जून के आसपास ओडिशा में भारी बारिश हो सकती है. मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि कम दबाव का क्षेत्र अगले सप्ताह ओडिशा की ओर बढ़ सकता है. उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, 'कम दबाव एक प्रकार का चक्रवाती प्रवाह होता है और किसी चक्रवात का पहला चरण होता है. हालांकि ये जरूरी नहीं है कि कम दबाव का हर क्षेत्र तेज होकर चक्रवात बन जाए.लेकिन हमारी इस पर नज़र है.'
एक महीने में 2 चक्रवाती तूफान
पिछले एक महीने के अंदर देश में दो चक्रवाती तूफान आ चुके हैं. पहला तूफान पिछले महीने बंगाल और ओडिशा में आया था. ये भारत में इस सदी का पहला सुपर साइक्लोन था. हालांकि बाद में हवा की रफ्तार कम हो गई थी. इस तूफान से बंगाल और ओडिशा में भारी नुकसान हुआ था. अकेले बंगाल में कम से कम 80 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद इसी हफ्ते अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने से निसर्ग ने तबाही मचाई थी. इस चक्रवाती तूफान के दौरान हवा की रफ्तार 120-130 किलोमीटर प्रति घंटा थी. महाराष्ट्र और गुजरात में इससे भारी नुकसान हुआ.
कम दबाव से मॉनसून को फायदा
बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती प्रवाह बनने की संभावना के चलते मॉनसून को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती प्रवाह बनने की संभावना के चलते मॉनसून की रफ्तार में तेजी देखी जा सकती है. मध्य और दक्षिण भारत में वर्षा गतिविधि के जोर पकड़ने की उम्मीद है.