भोपाल। शराब से मुनाफा कमाने के लिए सरकार और ठेकेदारों के बीच तनातनी लगातार जारी है। मामला हाईकोर्ट में है। हाईकोर्ट ने ठेकेदारों को 2 में से कोई एक विकल्प चुनने के लिए कहा था। भोपाल-इंदौर सहित 12 जिलों के शराब ठेकेदारों ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। उन्होंने शराब दुकानें सरेंडर कर दी है। इन दुकानों पर अब सरकार शराब बिकवाएगी।
हाईकोर्ट ने ठेकेदारों को स्थिति स्पष्ट करने के लिए तीन दिन का मौका दिया था, लेकिन शुक्रवार को जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर, भोपाल, मंदसौर, नीमच, रतलाम, उज्जैन, देवास, छिंदवाड़ा, कटनी, रीवा आदि शहरों के ठेकेदारों ने शपथ पत्र सौंप दिए। इन्हीं शहरों से 67 फीसदी राजस्व आता है। कुल मिलाकर ठेकेदारों ने स्पष्ट कर दिया है कि पॉलिटिकल पार्टियों को चंदा, अधिकारियों को रिश्वत देने के बाद सरकार को मुनाफे में लाने के लिए वह अपना मुनाफा कम नहीं करेंगे।
8 जून के बाद स्थिति तय होगी
राजीव दुबे, आबकारी आयुक्त के मुताबिक, हाईकोर्ट के निर्देश के अलावा किसी डायरेक्शन का कोई मतलब नहीं है। शराब दुकानों पर 8 जून के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। शासन सभी तरह की स्थितियों से निपटने के लिए तैयार है।
इन जिलों में शराब की दुकानें चालू है
सीहोर, राजगढ़, विदिशा, रायसेन, बैतूल, आगर, शाजापुर, टीकमगढ़ और पन्ना में ठेकेदार दुकानें खोलने को राजी हैं। ये लोग नई पॉलिसी में रिन्यूवल वाले है। खरगोन में लॉकडाउन खुलने के बाद से ही ठेकेदार हाथ खड़े कर चुके हैं। ऐसे में यहां दुकानें आबकारी विभाग ही चला रहा है। अब हाईकोर्ट में 17 जून फैसला देगा।