ज्योतिरादित्य सिंधिया: राज्यसभा चुनाव के बाद भी चैन से नहीं बैठ पाएंगे

Posted By: Himmat Jaithwar
6/6/2020

भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पोलिटिकल ट्रैक पर हर्डल्स की कमी नहीं है। एक कुछ जंप करके तीन कदम आगे बढ़ते हैं कि दूसरा दिखाई दे जाता है। अब राज्यसभा के नामांकन में चूक हो गई है। कांग्रेस की शिकायत खारिज हो गई थी परंतु प्रॉब्लम सॉल्व नहीं हुई है। आफ्टर इलेक्शन ज्योतिरादित्य सिंधिया चैन से नहीं बैठ पाएंगे क्योंकि उनके इलेक्शन को कोर्ट में चैलेंज किया जाएगा।

ज्योतिराज सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी दोनों के खिलाफ इलेक्शन पिटिशन दाखिल होगी

बीजेपी के दोनों उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी की उम्मीदवारी पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है। कानूनी दांव-पेंच के जरिए दोनों को कांग्रेस उलझन में डालने की तैयारी में हैं। कांग्रेस दोनों के हलफनामे को अब कोर्ट में चुनौती देगी। इसे लेकर कांग्रेस हाईकोर्ट में इलेक्शन पिटीशन दायर करेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा है कि हम लोगों ने पहले भी आपत्तियां दर्ज कराई थीं, लेकिन उनको मान्य नहीं किया गया। अब कांग्रेस के पास कोर्ट जाने का ही रास्ता बचा है।

कांग्रेस के पास इलेक्शन पिटिशन का ग्राउंड क्या है

विवेक तन्खा ने कहा ने कहा कि बीजेपी प्रत्याशियों के नामांकन फॉर्म में कई खामियां हैं। सिंधिया ने शपथ पत्र में यह बात छिपाई है कि उन पर भोपाल में केस दर्ज है। कांग्रेस ने इस बात की आपत्ति नामांकन फॉर्म जमा करने के बाद दर्ज कराई थी। जिस पर तर्क दिया था कि ज्योतिरायदित्य सिंधिया को इस बात की जानकारी नहीं है। जबकि केस दर्ज होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का मीडिया के सामने बयान आया था। कांग्रेस सांसद तन्खा ने कहा कि सुमेर सिंह सोलंकी ने जब फॉर्म भरा था। तब तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ था, वो सरकारी मुलाजिम थे। चुनाव के बाद कोर्ट में ये मुद्दे उठाएंगे।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ भोपाल में कौन सी FIR दर्ज है

दरअसल, यह मामला व्यापमं कांड से जुड़ा है। सितंबर 2017 में भोपाल की विशेष अदालत के न्यायधीश सुरेश सिंह के आदेश पर श्यामला हिल्स पुलिस ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ और आईटी विशेषज्ञ प्रशांत पांडे के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इनके खिलाफ कूटरचित दस्तावेज पेश करने, धोखाधड़ी में शामिल होने सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था। इस परिवाद में कहा गया था कि कांग्रेस के इन नेताओं की ओर से व्यापामं घोटालों में फर्जी दस्तावेज पेश किए गए हैं।



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