भोपाल। खबर यह नहीं है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर अपना परिचय बदल दिया बल्कि खबर तो यह है कि 12 घंटे से ज्यादा हो गया, इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्थिति स्पष्ट क्यों नहीं की है। यह जो बिना आग का धुआं उठ रहा है, ग्वालियर पैलेस के महाराज उसमें कौन सी खिचड़ी पका रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके ऑफिस ने अब तक स्पष्टीकरण क्यों नहीं दिया
झूठ और सच में बहुत थोड़ा सा अंतर होता है। सोशल मीडिया पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की टि्वटर प्रोफाइल को वायरल किया जा रहा है। जिस पर उनके परिचय के रूप में लिखा है 'जनता का सेवक और क्रिकेट प्रेमी।' दावा किया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी प्रोफाइल से 'भाजपा' हटा दिया है जबकि सब जानते हैं कि अपनी प्रोफाइल से 'कांग्रेस' हटाने के बाद उन्होंने 'जनता का सेवक और क्रिकेट प्रेमी।' लिखा था। सवाल यह है कि एक अफवाह पिछले 15 घंटे से लगातार ना केवल उड़ रही है बल्कि ट्विटर पर ट्रेंड कर रही है। फिर क्या कारण है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके ऑफिस की तरफ से इस मामले में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।
कहीं यह ग्वालियर दरबार की साजिश तो नहीं
राजनीति में कुछ भी हो सकता है। राजमाता विजयराजे सिंधिया के राजनीतिक सिद्धांत और ज्योतिरादित्य सिंधिया के पॉलिटिकल फंडे दो अलग-अलग बातें हैं। ग्वालियर के दरबार में कुछ भी हो सकता है। कहीं यह जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, ग्वालियर के दरबार में तो फिक्स नहीं हुआ। मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल के विस्तार का समय है। इधर श्री शिवराज सिंह चौहान का श्री नरोत्तम मिश्रा के घर जाना और उधर सोशल मीडिया पर पुराना वाला स्क्रीन शॉट हो वायरल हो जाना। ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनका ऑफिस और उनके तमाम समर्थकों का इस तरह से चुप रहना। राजनीति में इसके भी अर्थ निकाले जाते हैं।