भोपाल| मध्यप्रदेश की राजनीति में शह-मात का खेल जारी है। बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे के प्लान को फेल करने में जुटी है। बीजेपी के पास अभी 107 विधायक हैं लेकिन राज्यपाल के सामने 106 विधायकों की परेड करवाई है। ऐसे में सवाल तो यह बनता है कि आखिर एक कौन विधायक गायब है। इस बार फिर से मैहर के विधायक नारायण त्रिपाठी ने क्या बीजेपी को धोखा दिया है।
ये वहीं नारायण त्रिपाठी हैं जिन्होंने कुछ महीने पहले मॉनसून सत्र के दौरान पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर क्रॉस वोटिंग की थी। बाद में बीजेपी में फिर से वापस आ गए थे। मध्यप्रदेश में सियासी ड्रामे की शुरुआत के साथ ही उनके सुर बदल गए हैं। बजट सत्र की शुरुआत से पहले उन्होंने सीएम और विधानसभा अध्यक्ष से कई बार मुलाकात की थी। विधायक दल की बैठक में भी वह भोपाल नहीं पहुंचे थे, पार्टी ने कहा था कि उनकी माताजी का निधन हो गया है।
आरिफ मसूद के साथ गुफ्तगू
वहीं, व्हिप जारी होने के बाद नारायण त्रिपाठी सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही के लिए जरूर पहुंचे। कार्यवाही स्थगित होने के बाद वह कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के साथ विधानसभा परिसर में गुफ्तगू करते नजर आए। दोनों के बीच काफी लंबी बातचीत हुई। उसके बाद नारायण त्रिपाठी फिर से सीएम हाउस में सीएम कमलनाथ से मिलने चले गए। दोनों के बीच काफी लंबी बातचीत हुई।
सीएम के साथ 'सीक्रेट' मीटिंग
सीएम हाउस पहुंचकर नारायण त्रिपाठी ने उनके साथ लंबी बातचीत की। चर्चा यह भी है कि नारायण त्रिपाठी फिर से पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। उन्होंने मुलाकात के बाद कहा कि व्हिप जारी हुआ है इसलिए मैं सदन पहुंचा हूं। साथ ही नारायण ने कहा कि मैं किसी के साथ नहीं हूं, मैं मैहर के विकास के साथ हूं। मैहर का विकास जो करेगा, मैं उसी के साथ रहूंगा। उन्होंने कहा कि मैं समय आने पर फैसला करूंगा कि किसके साथ हूं।
बदलते रहते हैं दल
हालांकि नारायण त्रिपाठी का दल-बदल का इतिहास बहुत पुराना है। वह कई दलों में रह चुके हैं। सपा से लेकर कांग्रेस तक की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। कहा तो यह भी जाता है कि सतना सांसद गणेश सिंह के साथ उनकी नहीं बनती है, नारायण इसी वजह से पार्टी में नाराज हैं। कई महीनों से नारायण त्रिपाठी कमलनाथ की सरकार में अपनी आस्था दिखा रहे हैं।