मुंबई. रिलायंस इंडस्ट्रीज और जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड ने शुक्रवार की देर शाम एक और निवेश की घोषणा की है। अमेरिका की सिल्वर लेक एंड को-इनवेस्टर्स ने 4,546.80 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश जियो प्लेटफॉर्म्स में किया है। इससे पहले सिल्वर लेक ने 4 मई को 5,655.75 करोड़ रुपए का निवेश किया था। इस तरह से दो बार में सिल्वर लेक ने कुल 10,202.55 करोड़ रुपए का निवेश जियो प्लेटफॉर्म में किया है।
शुक्रवार की सुबह ही मुबाडला ने निवेश किया था
बता दें कि शुक्रवार की सुबह ही मुबाडला ने जियो में 9,039 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की थी। सिल्वर लेक का निवेश इक्विटी के 4.91 लाख करोड़ के वैल्यूएशन के आधार पर किया गया है। जबकि इंटरप्राइज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ के आधार पर निवेश किया गया है। इसके साथ ही सिल्वर लेक 2.08 प्रतिशत इक्विटी जियो में हासिल कर लेगा। जियो में अब कुल निवेश 92,202.15 करोड़ रुपए हो गया है। 6 हफ्तों में यह सातवां निवेश था। इस तरह से देखा जाए तो रिलायंस ने इस निवेश को और राइट्स इश्यू को मिलाकर कुल 1.45 लाख करोड़ रुपए की राशि हासिल की है।
4.91 लाख करोड़ रुपए की इक्विटी वैल्यू पर हुआ निवेश
आरआईएल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुबादला ने यह निवेश जियो प्लेटफॉर्म्स की इक्विटी वैल्यू 4.91 लाख करोड़ रुपए और एंटरप्राइजेज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ रुपए पर किया है। आरआईएल ने कहा है कि इस निवेश के जरिए मुबादला को जियो प्लेटफॉर्म्स में 1.85% हिस्सेदारी मिल जाएगी। इस 92,202 करोड़ के साथ राइट्स इश्यू के 53,125 करोड़ का एक चौथाई हिस्सा भी रिलायंस के पास है। इस तरह से कुल मिलाकर 1.05 लाख करोड़ रुपए कंपनी के पास कर्ज चुकाने के लिए हो गया है।
जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश करने वाली पहली गैर अमेरिकी कंपनी
निवेश के लिहाज से आरआईएल का जियो प्लेटफॉर्म्स अमेरिकी कंपनियों की पहली पसंद बना हुआ है। अब मुबादला जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश करने वाली पहली गैर-अमेरिकी कंपनी बन गई है। इससे पहले निवेश करने वाली फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक और केकेआर एंड कंपनी सभी अमेरिकी कंपनी हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज पर मार्च में था 1,61,035 करोड़ रुपए का शुद्ध कर्ज
मार्च तिमाही के अंत में रिलायंस पर 3,36,294 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया था। उस समय कंपनी के पास 1,75,259 करोड़ रुपए की नकदी थी। कर्ज को नकदी के साथ एडजस्ट करने के बाद कंपनी का नेट कर्ज 1,61,035 करोड़ रुपए था। कंपनी पर जो कर्ज बकाया है, उसमें से 2,62,000 करोड़ रुपए का कर्ज रिलायंस के बैलेंसशीट पर है और 23,000 करोड़ रुपए का कर्ज जियो पर है। कंपनी ने मार्च 2020 तक कर्जमुक्त होने का लक्ष्य रखा है।