रतलाम,(तेज़ इंडिया टीवी)। पद्मावत फिल्म के विरोध के समय अस्तित्व में आई करनी सेना कुछ ही सालो में बिखर कर अलग अलग गुटों में बट गई एक गुट सरकार के विरोध में तो एक गुट सरकार के पक्ष में चला गया। वही करनी सेना के जीवन सिंह ने करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष पद से स्तीफा देकर करणी सेना परिवार बनाया और भाजपा सरकार को घेरने के लिए 18 सूत्रीय मांगो को लेकर भोपाल में सरकार का घेराव भी किया था। आश्वाशन के बाद धरना समाप्त कर दिया था लेकिन मांग पूरी नहीं होने के बाद जीवन सिंह ने 80 विधानसभ सीटों से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। लेकिन करणी सेना परिवार के जीवन सिंह आज भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का मुँह देख रहे हे की वह हामरी 18 सूत्रीय मांगों को मानकर उनके लोगो को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाए।
एमपी को कैसे भेद पाएगे जीवन सिंह
जीवन सिंह शेरपुर ने 80 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा तो कर दी लेकिन यह उनके लिए बड़ी चुनौती हैं क्यों की जिस राजपूत समाज के दम पर जीवन सिंह चुनाव लड़ने की योजना बना रहे है उस समाज का एक गुट भाजपा के समर्थन में है वही करणी सेना परिवार की 18 सूत्रीय मांगो में से कुछ मांगो से दलित समाज नाराज है। इसका अंदाजा शायद जीवन सिंह शेरपुर को भी इसी लिए वह कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से उम्मीद लगाए बैठे है। अगर दोनों पार्टी करणी सेना परिवार की मांगो को नहीं मानती हे तो ऐसे में जीवन सिंह शेरपुर कितने वोटरों को साधने में कामयाब होंगे ये तो आने वाला समय ही बताएगा।