रतलाम। कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। रतलाम शहर में मरीजों के चिन्हांकन के लिए ठोस, सघन सर्वेक्षण करने की तैयारी है। सर्वेक्षण दल डोर-टू-डोर सर्वेक्षण करके मरीज चिन्हांकित अंकित करेंगे। सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार के गंभीर लक्षण दिखने पर क्वॉरेंटाइन कर सैंपल लिया जाएगा। इस संबंध में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने शुक्रवार को बैठक आयोजित की। बैठक में सर्वेक्षण के दिशा-निर्देश देने हेतु डॉक्टर्स, बीएलओ, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, पैरामेडिकल स्टाफ आदि को बुलाया गया था।
कलेक्टर ने कह़ा कि शहर में थाना क्षेत्रवार दलों का गठन किया जा रहा है, इनके ऊपर एनफोर्समेंट टीम रहेंगी जिसमें तहसीलदार, थाना प्रभारी सम्मिलित रहेंगे। एनफोर्समेंट टीम सर्वेक्षण दल द्वारा सूचित किए जाने पर तत्काल सैंपल लिए जाने की व्यवस्था की जाएगी। कलेक्टर ने प्रशासन की मंशा बताई कि जितनी जल्दी मरीज पहचान में आएगा, उतनी ही जल्दी उसका उपचार हो सकेगा। बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती जमुना भिड़े, डिप्टी कलेक्टर सुश्री शिराली जैन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सुनील पाटीदार, एसडीएम रतलाम शहर तथा ग्रामीण उपस्थित थे।
शहर में सघन सर्वेक्षण के लिए एसडीएम शहर तथा ग्रामीण को भी दो-दो थाना क्षेत्र सौंपे जाकर कड़ी मानिटरिंग के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि शहर के केमिस्ट तथा मेडिकल स्टोर से सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम की दवाई लेने वाले व्यक्तियों का डाटा महत्वपूर्ण है। मेडिकल स्टोर्स को सख्ती से निर्देशित किया गया है कि जो व्यक्ति दवाई लेने आते हैं, उनके नाम, पते मोबाइल नंबर नोट किए जाकर जिला चिकित्सालय को उपलब्ध करवाए जाए। मेडिकल स्टोर से दवाई लेने वाले सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार के मरीजों की स्क्रीनिंग की जाकर सात दिवस क्वॉरेंटाइन किया जाएगा। खासतौर पर 40 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को 7 से 10 दिनों तक क्वॉरेंटाइन किया जा सकता है। कलेक्टर ने बैठक में कहा कि देश के हॉट स्पॉट क्षेत्रों से आने वाले व्यक्तियों पर भी फोकस किया जा रहा है, मुख्य रूप से अहमदाबाद, मुंबई, इंदौर जैसे हॉट स्पॉट क्षेत्रों के कंटेंटमेंट एरिया के नजदीकी व्यक्तियों के रतलाम आने पर उन्हें संस्थागत क्वॉरेंटाइन किया जाएगा और सैंपल लिए जाएंगे।