कश्मीर के बाद अब आतंकी संगठन जैश और लश्कर के एजेंडे में है मिशन काबुल

Posted By: Himmat Jaithwar
6/4/2020

जम्मू कश्मीर में वर्षों से सक्रिय आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद अब रावलपिंडी सैन्य मुख्यालय के इशारों पर अपने गुर्गों को तेजी के साथ एकजुट कर रहा हैं और उन्हें ट्रेनिंग देकर अफगानिस्तान में लड़ने के लिए भेज रहा रहा है। पूरे मामले से वाकिफ सूत्र ने गुरूवार को इस नए डेवलपमेंट के बारे में हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया।

ऐसा अनुमान है कि संघर्षरत देश अफगानिस्तान में दोनों आतंकी संगठनों के करीब 1 हजार आतंकी गुर्गे वहां पर हैं, जिनमें से ज्यादातर तालीबान और अमेरिका के बीच फरवरी में हुए समझौते के बाद वहां पर गए हैं और इन आतंकियों के वहां पर पहुंचने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।

सिर्फ पिछले महीने ही करीब 200 लश्कर के आतंकी पाकिस्तान के बजौर एजेंसी के जरिए अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में घुसपैठ की है। मई के आखिरी हफ्ते में पूर्व आईएसआई ऑफिसर बिलाल उर्फ जरकावी के नेतृत्व में लश्कर-ए-तैयबा के करीब 30 आतंकी कुनार के डंगम जिले में दाखिल हुए हैं।

करीब 15 दिन पहले, तालिबान कमांडर मुल्लाह नेक मोहम्मद राभर के संरक्षण में जैश के 45 आतंकी पाकितान के कुर्रम एजेंसी के जरिए नांगरहार शेरजाद प्रांत में दाखिल हुए थे।

आतंक निरोधी अधिकारियों ने दिल्ली और काबुल ने बताया कि इन दोनों आतंकी संगठनों की तरफ से अफगानिस्तान पर इस तरह का फोकस और आतंकी गुर्गों को वहां पर भेजना यह दिखाता है कि यह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की किस तरह प्राथमिकताओं में से है।



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