इंदौर. डायरेक्टोरेट ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीएसटी) और डायरेक्टोरेटऑफ रेवेन्यू (डीआरआई) द्वारा माटा परिवार पर हुए छापे में इस बात का खुलासा हुआ है कि गुरुनोमल माटा की नागरिकता भारतीय नहीं बल्की पाकिस्तानी है और वह सालों से इंदौर में अवैध कारोबार कर रहा है। जांच के दौरान इस बात की भी जानकारी मिली है कि लॉकडाउन के दौरान पान मसाले की खरीदी में अधिक मुनाफाखोरी करने के उद्देश्य से माटा परिवार द्वारा महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में इंदौर से माल भेजा गया और जमकर मुनाफाखोरी की गई।
30 मई को डायरेक्टोरेट ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीएसटी) और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू (डीआरआई) द्वारा माटा परिवार के कई ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की गई थी।छापे में आठ करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी सामने आई है। पांच करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी होने के चलते जीएसटी एक्ट के तहत डीजीजीएसटी ने संजय माटा को गिरफ्तार कर विशेष न्यायाधीश विजेंद्र सिंह रावत की कोर्ट में पेश किया, जहां से 17 जून तक के लिए जेल भेज दिया गया है।
छापे में सामने आया है कि संजय माटा और उसके भाई संदीप माटा ने कई बड़े ब्रांड के पान-मसाले का 30 करोड़ से अधिक का माल बिना बिल के ही टैक्स चोरी करते बेच दिया। अभी और दस्तावेजों की जांच जारी है, जिसमें टैक्स चोरी का आंकड़ा और बढ़ेगा। छापे में 67 लाख रुपए नकद भी मिले हैं। कोर्ट में डीजीजीएसटी के विशेष अभियोजक चंदन एरन ने तर्क रखते हुए कहा कि संजय और संदीप आदतन अपराधी है। उसकी नागरिकता भी पाकिस्तानी है। पहले भी यह टैक्स चोरी कर चुका है और इनके यहां से नगद भी मिले है।
जांच अभी जारी है और कर चेरी की रकम में बढ़ोतरी होने की संभावना है। वहीं संदीप अभी तक फरार है। इनकी फर्म एसएस इंटरप्राइजेज पर जांच जारी है। जांच के दौरान इस बात की भी जानकारी मिली है कि लॉकडाउन के दौरान पान मसाले की खरीदी में अधिक मुनाफाखोरी करने के उद्देश्य से माटा परिवार द्वारा महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में इंदौर से माल भेजा गया और जमकर मुनाफाखोरी की गई।