देश में लॉकडाउन के समय जानवरों के शिकार करने की दोगुनी से भी ज्यादा घटनाएं

Posted By: Himmat Jaithwar
6/4/2020

केरल में भूखी गर्भवती हथिनी के मौत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि जानवरों के मौत से जुड़ी एक और रिपोर्ट सामने आ गई है. एक रिसर्च के मुताबिक, भारत में लॉकडाउन के समय वन्यजीवों के शिकार करने की दोगुनी से भी ज्यादा घटनाएं सामने आई है.

एक तरफ जहां लोग लॉकडाउन के दौरान घरों में कैद थे तो वही पर्यावरण, प्रकृति और वन्यजीवों को भी खुलकर और मुस्कुराने का मौका मिला. क्योंकि ना ही कोई पर्यावरण को बर्बाद करने के लिए सड़कों पर उतरा था और ना ही कोई जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए बाहर निकला था. इसी मौके को देखते हुए वन्यजीव अपनी अजादी का जश्न मनाते हुए सड़कों से होते हुए शहरों तक पहुंच गए. लॉकडाउन के दौरान देश के कई शहरों में जंगली जानवरों को सड़कों पर देखा गया. जैसे- मुरादाबाद के एक मुहल्ले में हिरण दिखी तो वही नोएडा में तो नीलगाय सड़कों पर देखा गया.इतना ही नहीं मध्य प्रदेश के जंगलों के पास वाले इलाकों में तो बाघ रोड पर टहलते हुए देखा गया.

मगर इन सब के बीच हैरान करने वाली बात ये है कि शिकारी माफिया इस दौरान भी वन्यजीवों को अपना निशाना बनाते रहे..और ना जाने कितने कि जंगली जानवरों का इन्होंने शिकार कर लिया.

वन्यजीव व्यापार निगरानी नेटवर्क ‘ट्रैफिक’ और जंगली जानवरों के व्यापार को लेकर वैश्विक स्तर पर काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन के रिसर्च के मुताबिक, इस साल के 10 से 22 फरवरी के बीच जानवरों के शिकार की घटनाओं की संख्या 35 थी, जबकि लॉकडाउन के दौरान 23 मार्च से 3 मई के बीच जानवरों के शिकार की 88 घटनाएं देखी गई है.

यही नहीं ‘कोविड-19 संकट के बीच भारतीय वन्यजीव: अवैध शिकार एवं वन्यजीव व्यापार विश्लेषण’ नामक एक अध्ययन के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान नौ तेदुओं का शिकार किया गया, जबकि लॉकडाउन से पहले 4 तेंदुओं का ही शिकार किया गया था.

यहां आपको ये भी बता दें कि केरल में गर्भवती मादा हाथी की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कुछ दिन पहले केरल के मलप्पुरम में कुछ लोगों ने गर्भवती हथिनी को पटाखों से भरा अनानास खिला दिया था, जिसके बाद उसके मुंह में पटाखे फट जाने से उसकी मौत हो गई.जिसके बाद सोशल मीडिया पर ये घटना आग की तरह फैल गया है. इस घटना से लोग गुस्से में है.साथ ही सोशल मीडिया पर जल्द से जल्द इस घटना में संलिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई करने की अपील भी की जा रही है.

इस बीच इस घटना को पर्यावरण मंत्रालय ने भी गंभीरता से लिया है और घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी है. वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हाथी की मौत के मामले में केंद्र सरकार बहुत गंभीर है. हम सही तरीके से जांच करने और अपराधियों को पकड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.जो लोग भी इसमें दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हाथियों को पटाखा खिलाना और मारना भारतीय संस्कृति नहीं है.इस घटना पर बीजेपी सांसद और एनीमल राइट एक्टिविस्ट मेनका गांधी ने केरल सरकार पर सवाल उठाए हैं.

हालांकि बता दे कि इस मामले में वन विभाग ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.जिन लोगों ने अनानास में विस्फोटक रखकर हाथी को खिलाया था, उनकी धरपकड़ की कोशिश तेज कर दी गई है.



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