भोपाल। मध्यप्रदेश के सियासी घटनाक्रम के बीच सोमवार को मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी गई। इसके पीछे कमलनाथ सरकार ने कोरोना वायरस को बताया है। इसके बाद भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरफ से याचिका लगाई गई है।
सोमवार को कमलनाथ सरकार का फ्लोअर टेस्ट टल जाने के बाद भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है। शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा सत्र टल जाने के बाद तुरंत ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा दी है। इस याचिका में जल्द से जल्द फ्लोअर टेस्ट कराने की मांग की गई है। साथ ही 48 घंटे के भीतर सुनवाई करने की मांग की गई है।
याचिका स्वीकार हुई
उधर, दिल्ली से खबर है कि शिवराज सिंह चौहान की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है। 17 मार्च को सुबह इसकी सुनवाई होगी।
इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण से शुरू हुई। उन्होंने एक मिनट के अभिभाषण में सरकार की उपलब्ध बताते हुए कहा कि सभी सदस्यों को अपने कर्तव्यों का पालन शांतिपूर्ण ढंग से करना चाहिए। इसके बाद हंगामा होने लगा और जमकर नारेबाजी होने लगी। भाजपा फ्लोअर टेस्ट की मांग कर रहा था, वहीं विधानसभा ने सदन को कोरोना वायरस के चलते 26 मार्च तक स्थगित कर दिया।
राजभवन पहुंचे दिग्विजय
इधर, विधानसभा में हुए घटनाक्रम के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजभवन पहुंच गए हैं। उन्होंने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर कई मुद्दों पर चर्चा की। दिग्विजय सिंह के राजभवन पहुंचने को काफी अहम माना जा रहा है।
भाजपा विधायक पहुंचे राजभवन
इधर, विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भाजपा के विधायक राजभवन की तरफ रवाना हो गए हैं। समझा जाता है कि वे राज्यपाल से मांग करेंगे। सभी विधायकों के साथ शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, विनय सहस्त्रबुद्धे समेत कई नेता शामिल हैं।