प्रेम विवाह की सजा,बेटी से घर खाली कराने के लिए पिता ने ली न्यायालय की शरण, केस जीतने के बाद पुलिस बल के साथ बेटी को किया घर से बेघर

Posted By: Himmat Jaithwar
1/28/2023

रतलाम। बेटी को लेकर हर पिता के दिल में एक अलग ही ख्वाहिश होती है कि उसका घर बसे और उसे दुनिया की तमाम खुशियां मिले जो उसे मिलना चाहिए। इसके लिए माता-पिता अपना हर दुख दर्द तकलीफ तक भूल जाते हैं लेकिन रतलाम में एक अलग ही मामला सामने आया है, जहां एक पिता द्वारा बेटी को घर से बेघर कर दिया गया।
जी हां यह मामला है रतलाम शहर के सुभाष नगर क्षेत्र का, यहां एक मकान में रहने वाली शमीम बी नाम की महिला को उसके ही पिता मोहम्मद सलीम द्वारा पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में घर से बेघर कर दिया गया। बेटी मिन्नते गलती नहीं लेकिन पिता का दिल नहीं पसीजा और उसके द्वारा बेटी को सामान सहित घर के बाहर करवा दिया गया।
शमीम बी के पिता मोहम्मद सलीम का कहना है कि उसकी बेटी ने भाग कर शादी की थी। यह घर भी ₹50 हजार रूपए में गिरवी रखा था।  एग्रीमेंट का समय पूरा होने के बाद भी मकान खाली नहीं किया तो पिता के द्वारा न्यायालय की शरण में जाकर घर फिर से उसे दिलाए जाने की अर्जी लगाई गई। करीब 9 सालों तक चले प्रकरण के बाद अब जाकर फैसला पिता के पक्ष में आया तो पिता को कब्जा दिलाने के लिए पुलिस और प्रशासन का अमला भी मौके पर पहुंच गया और कब्जा दिलाया।
वहीं दूसरी ओर शमीम बी का कहना है कि वह वर्ष 2007 से मकान में रहती है। उसके द्वारा मकान के 2 लाख 22 हजार रुपए पिता को दिए जा चुके हैं लेकिन उसकी कोई लिखा पड़ी नहीं है। ₹50 हजार में जेठ को मकान बेचा था। बाद में राशि लाकर पिता को दी थी लेकिन यह अब बदल गए हैं। मैंने कोर्ट मैरिज की थी, उसका बदला यह ले रहे हैं। इनके द्वारा बाप बेटी के रिश्ते को भी नहीं देखा गया।
वहीं दूसरी ओर इस पूरे मामले में न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस के साथ ही मकान पर कब्जा दिलाने के लिए प्रशासनिक अमला भी मौके पर पहुंचा था जिनके द्वारा महिला को बाहर करा कर शिकायतकर्ता को उसका कब्जा फिर से दिलाया गया है।



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