उत्तर प्रदेश परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि अभ्यर्थी विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को एक सप्ताह के भीतर राज्य सरकार के सामने पेश करें। सरकार इन आपत्तियों का यूजीसी से निस्तारण करवाएगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने 9 मई को संशोधित उत्तरमाला और 12 मई को परिणाम जारी किया था, लेकिन एक-दो नंबर से फेल हो रहे सैकड़ों अभ्यर्थियों ने तकरीबन एक दर्जन प्रश्नों के उत्तर को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट की इलाहाबाद और लखनऊ खंडपीठ में 200 से अधिक याचिकाएं दाखिल की थीं।
वरिष्ठ अधिवक्ता एचजीएस परिहार के मुताबिक, शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है और कोर्ट ने अभ्यर्थियों को आपत्ति दर्ज करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। इन आपत्तियों को सरकार यूजीसी के पास भेजेगी। यूजीसी एक विशेषज्ञ कमेटी बनाकर सभी आपत्तियों को निस्तारित करेगी। मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।
जस्टिस आलोक माथुर ने विवादित सवालों पर विशेषज्ञ समिति को अगली तारीख तक तटस्थ राय देने को कहा है।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह एवं अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता रणविजय सिंह ने पक्ष रखा था जबकि विभिन्न याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एल पी मिश्र, एच जी एस परिहार, सुदीप सेठ आदि ने पक्ष रखा।
रोकी गई काउंसलिंग
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया स्थगित होने के बाद आज (3 जून) से शुरू हो रही काउंसलिंग भी रुक गई है। काउंसिलिंग कराने आए अभ्यर्थियों से उनके हस्ताक्षर लेकर उन्हें वापस जाने को कहा जा रहा है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने जो आंसर की जारी की है, उसमें उन सवालों के उत्तर कुछ और थे, जबकि एनसीईआरटी की किताबों में कुछ और दिया है। हाईकोर्ट ने 1 जून को इस मामले में अंतरिम राहत के बिंदु पर सुनवाई कर अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था।
बताया जा रहा है कि शिक्षक भर्ती का रिजल्ट जारी होने के बाद से विभाग याचिकाओं का जवाब लगाने में ही व्यस्त है। सर्वाधिक विवादित प्रश्न नाथ सम्प्रदाय के प्रवर्तक से जुड़ा है। विषय विशेषज्ञों ने नाथ सम्प्रदाय के प्रवर्तक मत्स्येन्द्रनाथ को माना है, जबकि अभ्यर्थी साक्ष्यों के साथ गोरखनाथ सही जवाब बता रहे हैं। इसके अलावा भारत में गरीबी का आकलन किस आधार पर किया जाता है समेत अन्य प्रश्नों के उत्तर के खिलाफ अभ्यर्थियों ने याचिकाएं दाखिल की हैं।
विषय विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर पाठ्यक्रम से बाहर के पूछे गए हिन्दी के तीन प्रश्नों पर सभी को समान रूप से प्रत्येक प्रश्न के लि एक-एक (कुल तीन-तीन नंबर) दिए जा चुके हैं।
आपको बता दें कि इस भर्ती के लिए आज (3 जून) से काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हो रही थी। काउंसलिंग के लिए चयनित अभ्यर्थियों को आवश्यक दस्तावेज के साथ उपस्थित होना था। काउंसलिंग 6 जून तक चलनी थी। इससे पहले सोमवार को उम्मीदवारों को जिला आवंटित कर दिए गए थे।
योगी सरकार के लिए झटका
भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगना योगी सरकार के लिए झटका है। कटऑफ अंकों के विवाद पर कोर्ट ने राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाकर भर्ती का रास्ता साफ कर दिया था। फैसले से खुश योगी सरकार नियुक्तियां पूरी करने के लिए एक्शन में आ गई थी। सरकार का मानना था कि इससे राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो सकेगी।