ईरान ने शुक्रवार (6 मार्च) को कहा कि देश में कोरोना वायरस की वजह से 124 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 4,747 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि वे शहरों के बीच लोगों की आवाजाही को सीमित करने के लिए “बल” का इस्तेमाल कर सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता कियानोउस जहांपोर ने टीवी पर प्रसारित संवाददाता सम्मेलन में ये आंकड़े दिये। उन्होंने बल प्रयोग की धमकी को लेकर कोई अतिरिक्त विवरण नहीं दिया, यद्यपि यह माना कि ईरान के सभी 31 प्रांतों में वायरस की मौजूदगी पाई गई है।
ईरान ने कई प्रमुख शहरों में शुक्रवार को होने वाली प्रार्थना भी रद्द कर दी। क्षेत्र में अन्य जगहों की बात करें तो इराक ने करबला में शुक्रवार की नमाज रद्द कर दी। अधिकारियों ने संयुक्त अरब अमीरात में वायरस के खतरे के मद्देनजर प्रार्थना को छोटा कर इसे 10 मिनट के अंदर पूरा कर लिया गया। पश्चिम एशिया में वायरस के 4,990 से ज्यादा पुष्ट मामले सामने आए हैं जिनकी वजह से कोविड-19 बीमारी हुई है। चीन के बाद इस बीमारी की वजह से सबसे ज्यादा लोगों की मौत ईरान और इटली में हुई है।
ईरान ने गुरुवार (5 मार्च) को घोषणा की कि प्रमुख शहरों में वायरस के प्रसार पर लगाम लगाने की कोशिश के तहत प्रमुख शहरों के बीच आवाजाही सीमित करने के लिये निगरानी चौकियां बनाने पर विचार कर रहा है। तेहरान में दमकलकर्मियों ने शहर के प्रसिद्ध वालीअस्र एवेन्यू में 18 किलोमीटर तक संक्रमण रोकने के लिए दवाओं का छिड़काव किया। एक दुकानदार ने अपनी दुकान के बाहर दमकलकर्मियों द्वारा छिड़काव किए जाने के बाद कहा, “अगर वे रोजाना ऐसा करते तो अच्छा होता।” उसने कहा, “यह एक बार की चीज नहीं है, इसे बार-बार किया जाना चाहिए खासकर यहां जैसी जगहों पर जहां लोगों और गाड़ियों की आवाजाही बहुत ज्यादा है।”
वहीं दूसरी ओर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि कई देश कोरोना वायरस के संकट को अब भी अधिक गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जबकि पूरे यूरोप और अमेरिका में इस बीमारी का प्रकोप बढ़ गया है, जहां चिकित्साकर्मियों ने अस्पताल की तैयारियों में भारी कमी को लेकर चिंता जाहिर की है।
अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को लेकर जारी आशंकाओं के बीच वैश्विक बाजारों में फिर से गिरावट दर्ज की गई है। कई देश इस बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए और अधिक कठोर कदम उठा रहे हैं। कोविड-19 की वजह से अब तक दुनियाभर में 3,300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 85 देशों में करीब 100000 लोग संक्रमित हैं।