पेयजल की गुणवत्ता की जाँच 156 प्रयोगशाला में

Posted By: Himmat Jaithwar
6/2/2020

रतलाम। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के लिए जहाँ एक ओर नवीन जल स्त्रोत उपलब्ध करवाये जा रहे है वहीं दूसरी ओर सभी जल स्त्रोतों से मिलने वाले पेयजल की गुणवत्ता जाँच 156 प्रयोगशाला के माध्यम से की जा रही है।

प्रमुख अभियंता श्री के.के. सोनगरिया ने बताया कि इस कार्य के लिए राज्य स्तर पर एक राज्य अनुसंधान प्रयोगशाला, 51 जिलों में जिला स्तरीय प्रयोगशाला और 104 विकासखण्ड स्तरीय प्रयोगशाला हैं। भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप भारतीय मानक संस्थान के कोड क्रमांक आई.एस. 10500: 2012 के तहत इन सभी प्रयोग शालाओं में पेयजल स्त्रोतों के नियमित जल परीक्षण किये जाते हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा जल को पीने की उपयुक्तता के आंकलन के लिए 14 घटकों का परीक्षण किया जाता है। इनमें मटमैलापन, पी.एच., रंग, हार्डनैस, क्लोराइड, क्षारीयता, टी.डी.एस., फ्लोराइड, आयरन, नाइट्रेट, सल्फेट, मैंगनीज, कालीफार्म ई-कोलाई का परीक्षण शामिल है। राज्य अनुसंधान प्रयोगशाला में जिलों से प्राप्त जल नमूनों का प्रतिपरीक्षण किया जाता है। साथ ही सीवेज, जल उपचार में लाए जाने वाले रसायनज्ञों की गुणवत्ता और पेयजल के उपचार संबंधी परीक्षण सतत रूप से जारी है। विभागीय रसायनों और प्रयोग शाला सहायकों के लिए जल परीक्षण संबंधी सैद्धान्तिक एवं प्रयोगात्मक पहलुओं पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।



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