मोदी ने इकोनॉमी पर कहा- ग्रोथ जरूर लौटेगी, मेड इन इंडिया और मेड फॉर फॉरेन अब देश की जरूरत है

Posted By: Himmat Jaithwar
6/2/2020

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इंडस्ट्री एसोसिएशन सीआईआई के कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इकोनॉमी में तेजी जरूर आएगी, कोरोना के खिलाफ हमें सख्त कदम उठाने हैं। आज देश की सबसे बड़ी सच्चाई ये है कि भारत लॉकडाउन को पीछे छोड़कर अनलॉक फेज-1 में एंटर कर चुका है। इस फेज में इकोनॉमी का बहुत बड़ा हिस्सा खुल चुका है। काफी हिस्सा आठ दिन के बाद और खुल रहा। यानी गेटिंग ग्रोथ बैक की शुरुआत तो हो चुकी है।

मोदी के भाषण की अहम बातें

मुझे टैलेंट और टेक्नोलॉजी पर पूरा भरोसा

125 साल में सीआआई को मजबूत करने में जिन्होंने भी योगदान दिया, उन्हें बधाई दूंगा। जो हमारे बीच नहीं होंगे उन्हें आदरपूर्वक नमन करूंगा। कोरोना के इस टाइम पीरियड में इस तरह के ऑनलाइन इवेंट न्यू नॉर्मल बनते जा रहे हैं। ये इंसान की सबसे बड़ी ताकत होती है। हमें लोगों का जीवन भी बचाना है और अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करना है। आप सभी उद्योग जगत के लोग बधाई के पात्र हैं। मैं तो गेटिंग ग्रोथ बैक से आगे बढ़कर ये भी कहूंगा कि यस...वी आर गेटिंग ग्रोथ बैक। आप सोच रहे होंगे कि संकट की इस घड़ी में मैं इतना आत्मविश्वास से कैसे बोल रहा हूं। इसके कई कारण है। मुझे भारत के टैलेंट और टेक्नोलॉजी पर भरोसा है। 

सही तरीके से सही समय पर सही कदम उठाए
दूसरे देशों से तुलना करें तो पता चलता है कि भारत में लॉकडाउन का कितना फायदा हुआ। अब सवाल ये है कि इसके आगे क्या? इंडस्ट्री लीडर के नाते आपके मन में ये सवाल जरूर होगा कि हम क्या करने जा रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान के बारे में भी मुझे पक्का विश्वास है कि आपके मन में सवाल होंगे। ये बहुत स्वाभाविक है। कोरोना के खिलाफ इकोनॉमी को फिर से मजबूत करना, ये हमारी प्रमुख प्राथमिकता है।

जो फैसले तुरंत लेने जरूरी हैं, वो लिए जा रहे हैं। साथ ही ऐसे फैसले भी लिए जो लंबी अवधि में मदद करेंगे। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से गरीबों को तुरंत लाभ देने में बहुत मदद मिली। 4 करोड़ लोगों के घर तक राशन पहुंचाया। प्रवासी श्रमिकों के लिए भी फ्री राशन पहुंचाया जा रहा है। गरीबों की 53 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा आर्थिक मदद कर चुके हैं।

रिफॉर्म का हमारे लिए मतलब फैसले लेने का साहस करना
हमारे फैसलों में इन्क्लूजन, इन्वेस्टमेंट, इनोवेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर की झलक मिलेगी। आज भारत एक नई ग्रोथ की उड़ान के लिए तैयार है। हमारे लिए रिफॉर्म का मतलब है, फैसले लेने का साहस करना। आईबीसी हो, बैंक मर्जर हो या जीएसटी हो हमने हमेशा सरकार के दखल को कम करने की कोशिश की।

सरकार आज ऐसी पॉलिसी रिफॉर्म भी कर रही है, जिसकी देश ने उम्मीद भी छोड़ दी थी। एग्रीकल्चर सेक्टर में आजादी के बाद जो नियम बने उनमें किसानों को बिचौलियों के हाथ में छोड़ दिया गया। किसानों के साथ दशकों से हो रहे अन्याय को दूर करने की इच्छाशक्ति हमारी सरकार ने दिखाई। कानून में बदलाव के साथ अब किसानों को अधिकार मिलेंगे। वे जहां चाहें, जिसे चाहें और जब चाहें अपनी फसल बेच सकते हैं। वेयरहाउस में रखे अनाज अब इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग के जरिए भी बेचे जा सकते हैं। इससे एग्रो बिजनेस के लिए कितने रास्ते खुलने जा रहे हैं। इसके साथ ही रोजगार बढ़ाने के लिए लेबर रिफॉर्म किए जा रहे हैं। 

कोल सेक्टर की ताकत बढ़ाई
दुनिया का तीसरा बड़ा देश, जिसके पास कोयले का भंडार हो, बिजनेस लीडर हों, उस देश में बाहर से कोयला आए, इसका कारण क्या है। कभी सरकार तो कभी नीतियां रुकावट बन रही थीं। लेकिन अब कोल सेक्टर में कमर्शियल माइनिंग को परमिट कर दिया गया है। मिनरल माइनिंग में भी कंपनियां एक्सप्लोरेशन के साथ माइनिंग भी कर सकती हैं। 
सरकार जिस दिशा में बढ़ रही है उससे माइनिंग सेक्टर हो या रिसर्च सेक्टर हो, सब में इंडस्ट्री और यूथ को नए मौके मिलेंगे। स्ट्रैटजिक सेक्टर में भी निजी निवेश संभव हो गया है।

एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा दिया
एमएसएमई सेक्टर की लाखों यूनिट का देश की जीडीपी में करीब 30% योगदान है। एमएसएमई की परिभाषा स्पष्ट करने की मांग उद्योग जगत लंबे समय से कर रहा था। ये मांग भी पूरी हो चुकी है। एमएसएमई बिना किसी चिंता के बिजनेस कर पाएंगे। उन्हें अपना दर्ज बनाए रखने के लिए दूसरे रास्तों पर चलने की जरूरत नहीं होगी। इस सेक्टर के करोड़ों साथियों को लाभ हो इसके लिए 200 करोड़ रुपए तक की सरकारी खरीद में ग्लोबल टेंडर को खत्म कर दिया गया है।

150 देशों को मदद की
कोरोना संकट में हर कोई अपने को संभालने में लगा है। ऐसे संकट की घड़ी में भारत ने 150 से ज्यादा देशों को मेडिकल सप्लाई भेजकर मानवीय मदद का काम किया है। वर्ल्ड इज लुकिंग फॉर ए रिलायबल पार्टनर। भारत में इसकी क्षमता है। इंडस्ट्री को इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहिए। आज दुनिया का भारत पर विश्वास भी बढ़ा है और नई आशा का संचार भी हुआ है।

जीडीपी ग्रोथ 11 साल के निचले स्तर पर
सरकार ने पिछले शुक्रवार जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े जारी किए। चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में ग्रोथ रेट घटकर 3.1 फीसदी रही। वहीं, पूरे फाइनेंशियल ईयर में 4.2 फीसदी रही। ये 11 साल का सबसे निचला स्‍तर है। इससे पहले 2009 में जीडीपी ग्रोथ इस स्‍तर के करीब थी।

सरकार ने पिछले महीने 20 लाख करोड़ के पैकेज घोषित किए थे
पहले से ही दिक्कतों से जूझ रही देश की अर्थव्यवस्था को कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से और झटका लगा है। इकोनॉमी को कोरोना के असर से बचाने के लिए सरकार ने पिछले महीने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज घोषित किए थे, इनमें आरबीआई की घोषणाएं भी शामिल थीं। मोदी कैबिनेट ने सोमवार को खरीफ की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने और छोटे-मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) से जुड़ी योजनाओं को भी मंजूरी दी थी। मोदी ने एमएसएमई की मदद के लिए चैम्पियन पोर्टल भी लॉन्च किया है।



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