शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों पर अवैध वसूली का उपचार, निशुल्क उपचार के लिए अस्पताल जाने वाले मरीजों को हर काम के देने होते है दाम

Posted By: Himmat Jaithwar
12/4/2022

भ्रष्टाचार पर आंख मूंदे बैठे जिम्मेदार,सैलाना विकासखंड के बीएमओ जितेंद्र रायकवार की भूमिका भी संदिग्ध 

रतलाम (तेज़ इंडिया टीवी)। मरीजों को निःशुल्क बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शासन और प्रशासन एक तरफ आयुष्मान योजना में मरीजों को निः शुल्क उपचार देने के लिए लगे है तो वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार स्वयं ही भ्रष्टाचार में लिप्त होकर सरकारी अस्पतालों को निजी अस्पताल की तर्ज पर रुपए लेकर चलाते नजर आ रहे हैं। भ्रष्टाचार से जुड़ा ऐसा ही एक  वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक महिला कर्मचारी द्वारा रुपयों का लेन देन किया जाता नजर आ रहा है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वीडियो सैलाना विकासखंड के बेड़दा स्वास्थ्य केंद्र का बताया जा रहा है, जिसमें केंद्र पर पदस्थ एक एएनएम मरीज से उपचार के नाम पर रुपयों का लेन देन करती नजर आ रही है। भ्रष्टाचार से जुड़ी ऐसी ही एक तस्वीर का खुलासा तेज इंडिया के द्वारा कुछ समय पूर्व भी किया गया था लेकिन जिम्मेदारों ने उस समय भी नहीं आंखें मूंद ली थी। एक के बाद एक मामले सामने आने पर अब सैलाना विकासखंड के बीएमओ जितेंद्र रायकवार की भूमिका भी संदिग्ध नजर आने लगी है, शायद यही कारण है कि वह मनमानी पर लगाम नहीं लगा रहे हैं।

कुछ समय पूर्व यहां पर डॉक्टर की जगह अन्य कर्मचारी द्वारा काम के जाने का वीडियो सामने आया था और अब डिलीवरी के नाम पर यहां पदस्थ एएनएम द्वारा अवैध वसूली की बात सामने आई है। इस पूरे मामले में सीधे कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए महिला कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है और मामले की जांच की बात कही है।

तेज इंडिया द्वारा पूर्व में भी ऐसा एक खुलासा किया था, जिसके बाद क्षेत्र के ग्रामीणों में जागरूकता आई और इस बार उनके द्वारा अस्पताल में चल रही मनमानी पर लगाम कसने के लिए रुपए मांगने वाली महिला कर्मचारी का ही वीडियो बना लिया गया। वीडियो वायरल होने के बाद सैलाना में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी सकते में हैं।

दरअसल सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में उपचार की सुविधा पूरी तरह से निशुल्क कर रखी है लेकिन उसके बाद भी शासन के नुमाइंदे यहां जमकर वसूली करते नजर आ रहे हैं, इसके पीछे कारण सीधे तौर पर अधिकारियों की नाकामी कह सकते हैं या फिर उनकी मौन स्वीकृति जिसके चलते लूट का खसोट का यह खेल चल रहा है।



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