भाजपा में गहराने लगी फूट, पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी ने सांसद और विधायकों पर साधा निशाना

Posted By: Himmat Jaithwar
11/23/2022

कोठारी मंच से बोले कोई मास्टरी छोड़ विधायक बन गया, कोई इंजीनियरिंग छोड़ सांसद हो गया तो कोई उद्योगपति से हमारा जनप्रतिनिधि बन गया

रतलाम। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले रतलाम में भारतीय जनता पार्टी में फूट की खाई गहराती नजर आने लगी है। कहने के लिए भले ही सभी पार्टी के हैं लेकिन सार्वजनिक मंचों पर वह एक-दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे है। भाजपा में बढ़ती अपनों की बगावत की खाई यदि समय रहते नहीं पटी तो आने वाले विधानसभा चुनाव में रतलाम को बड़ा नुकसान हो सकता है।

रतलाम में भाजपा के बिगड़ते राजनीतिक समीकरणों के बीच दीप मिलन समारोह के नाम पर लगातार कहीं ना कहीं कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। रतलाम ग्रामीण विधानसभा में पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी और पूर्व विधायक मथुरालाल डामर की उपस्थिति में एक बार फिर से कार्यकर्ताओं का दीप मिलन समारोह आयोजित हुआ। 

नामली क्षेत्र में आयोजित इस समारोह में पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी ने अप्रत्यक्ष रूप से अपनी ही पार्टी के विधायक और सांसद पर निशाना साधा। पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कोठारी मंच से बोले कि कोई मास्टरी छोड़ विधायक बन गया, कोई इंजीनियरिंग छोड़ सांसद हो गया तो कोई उद्योगपति से हमारा जनप्रतिनिधि बन गया। कोई कुछ भी बोले लेकिन कार्यकर्ता का सम्मान होना चाहिए।

कोठारी के भाषण पर यदि सही मायने में अर्थ निकाला जाए तो मास्टरी छोड़ विधायक ग्रामीण क्षेत्र से विधायक दिलीप मकवाना बने हैं,  इंजीनियरिंग छोड़ सांसद गुमान सिंह डामोर बने और उद्योगपति से सीधा आशय शहर विधायक चेतन्य काश्यप से है। इसके पूर्व शहर में आयोजित एक अन्य दीप मिलन समारोह में भी पूर्व मंत्री कोठारी के द्वारा तीखे शब्द कहे गए थे। 

रतलाम में भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं की फूट पहले शहर में ही मानी जा रही थी लेकिन अब यह बगावत ग्रामीण क्षेत्र में भी खुलकर नजर आ रही है। शहर और ग्रामीण क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के लिए विधायकों द्वारा आयोजित दीप मिलन समारोह के बावजूद इन दोनों स्थानों पर पूर्व विधायकों के द्वारा दीप मिलन समारोह के नाम पर कार्यकर्ताओं का सम्मेलन रखा और अपनी भड़ास निकाली।

भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों और नेताओं का कहना है कि पार्टी में सब कुछ ठीक चल रहा है लेकिन यदि हालात ऐसे ही रहे तो रतलाम में आने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के लिए अपनी सीटों को बचा पाना काफी मुश्किल साबित हो सकता है।



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