भोपाल। लॉक डाउन के कारण लोगों के दिलों में कोरोनावायरस के प्रति बैठी दहशत अब कम आने लगी है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 4 लोगों ने अपने घर में ही आइसोलेशन में रहते हुए कोरोनावायरस को मार भगाया। पहले उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव थी परंतु अब लगातार तीसरी बार नेगेटिव आई है।
भोपाल में 20 मरीज होम आइसोलेशन में
सरकारी डॉक्टर कहते हैं कि भोपाल में पहली बार घर में रहकर कोरोना मरीज स्वस्थ हुए हैं। 20 मरीज अभी भी अपने घरों में आइसोलेट रखे गए हैं। भोपाल में रविवार को कोरोना के 32 नए मरीज मिले हैं। भेल टाऊनशिप में पहली बार कोरोना का मामला सामने आया है। यहां भेल के एक कर्मचारी के पिता कोरोना से संक्रमित मिले हैं।
भारत सरकार ने गाइडलाइन बदल दी
भारत सरकार की नई गाइडलाइन के तहत हल्के लक्षण या बिना लक्षण वाले मरीजों को उनके घर में ही आइसोलेट किया जा सकता है। इस आधार पर भोपाल में 12 मई से मरीजों को घर में ही आइसोलेट करने की शुरुआत हुई थी। शहर के विभिन्न इलाकों में 20 मरीजों को घर में रखा गया है। इनमें हमीदिया रोड, छोला रोड, साकेत नगर और ऐशबाग से 20 से 40 साल के बीच के चार पुरुषों को 17 दिन बाद स्वस्थ घोषित कर दिया गया है। हालांकि, अभी भी उन्हें 14 दिन तक क्वारंटाइन रहना होगा।
भोपाल में कोरोनावायरस के मरीजों को क्या दवाइयां दी
सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि इन मरीजों को इलाज के नाम पर मल्टीविटामिन दी गई थी, जिससे उनकी प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रहे। उन्होंने बताया कि अभी भी करीब 20 मरीज अपने घरों में आइसोलेट हैं। स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल मोबाइल यूनिट हर दिन उनकी निगरानी करती है। मरीजों के लिए आरोग्य सेतु ऐप डाऊनलोड करना अनिवार्य है। घर में रहने के लिए सबसे बड़ी शर्त यह है कि मरीज के रहने के लिए अलग कमरा और शौचालय होना चाहिए। साथ ही उसकी देखभाल करने के लिए भी एक व्यक्ति घर में होना जरूरी है। सीएमएचओ ने कहा कि मरीजों के परिजन को ऐहतियात के तौर पर हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन दवा दी गई है।