नई दिल्ली. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की 40वीं बैठक 14 जून को हो सकती है। कोरोना महामारी के सामने आने के बाद जीएसटी काउंसिल की यह पहली बैठक होगी। कोरोना संक्रमण सामने आने के बाद पूरे देश में 25 मई से लॉकडाउन लागू है। इस कारण टैक्स वसूली बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इस बैठक में टैक्स वसूली में तेजी के लिए गैर-जरूरी वस्तुओं पर टैक्स की दरें बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। यह जानकारी सूत्रों ने दी है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी बैठक
जीएसटी काउंसिल की बैठक की प्रमुख केंद्रीय वित्त मंत्री हैं, जबकि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री काउंसिल के सदस्य हैं। सूत्रों के मुताबिक, 14 जून को होने वाली बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। इससे पहले मार्च में हुई जीएसटी काउंसिल की 39वीं बैठक में कोरोनावायरस के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की गई थी। हालांकि, तब देश में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या काफी कम थी और लॉकडाउन भी लागू नहीं हुआ था।
दरें बढ़ाने के पक्ष में नहीं वित्त मंत्रालय
सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय लॉकडाउन के कारण राजस्व वसूली में गिरावट के बावजूद जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में गैर जरूरी वस्तुओं पर टैक्स की दरें बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। सूत्रों का कहना है कि यदि गैर-जरूरी वस्तुओं पर टैक्स की दर बढ़ाई जाती है तो इससे इनकी मांग में कमी आ जाएगी जिससे ओवरऑल आर्थिक रिकवरी पर प्रभाव पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार, लॉकडाउन के बाद गैरजरूरी वस्तु ही नहीं बल्कि सभी मोर्चों पर मांग में तेजी आएगी और आर्थिक रिकवरी में सुधार होगा।
इस समय कर लगाने से प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा
सूत्रों का कहना है कि कोविड-19 के कारण बने आर्थिक परिदृश्य में किसी भी प्रकार का विपत्ति उपकर लगाने से इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है। सूत्रों ने कहा कि मांग में कमी के कारण बिक्री पहले ही घट गई है। ऐसे में किसी भी प्रकार का टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव से कीमतें बढ़ जाएंगी जिससे बिक्री के आंकड़ों पर असर पड़ सकता है।