मुंबई. शिवसेना नेता संजय राउत ने देश के महानगरों में कोराेनावायरस फैलने के लिए नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में गुजरात में हुए इस कार्यक्रम के कारण संक्रमण बाद में मुंबई और दिल्ली में फैला। ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी को अहमदाबाद में एक रोड शो में हिस्सा लिया था। इसमें हजारों लोग शामिल हुए थे। इसके बाद दोनों नेताओं ने मोटेरा क्रिकेट मैदान में एक लाख से अधिक लोगों को संबोधित किया था।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में अपने साप्ताहिक लेख में राउत ने कहा- इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में एकत्रित हुए जनसमूह के कारण गुजरात में कोरोनावायरस फैला है। ट्रंप के साथ आई टीम कुछ सदस्य मुंबई, दिल्ली भी गए थे, जिसके कारण संक्रमण फैला। गुजरात में कोरोनावायरस का पहला मामला 20 मार्च को सामने आया था। जब राजकोट के एक व्यक्ति और सूरत की एक महिला में संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
लॉकडाउन बिना योजना के, अब इसे हटाने की जिम्मेदारी राज्यों पर डाली
उन्होंने कहा- लॉकडाउन बिना किसी योजना के लागू किया गया, लेकिन अब इसे हटाने की जिम्मेदारी राज्यों पर छोड़ दी गई है। इस अनिश्चितता से संकट और बढ़ेगा। ये अराजकता इस संकट को बढ़ाने का ही काम करेगी। राउत ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लॉकडाउन के विफल होने का सटीक विश्लेषण किया था।
राउत ने कहा- यह आश्चर्यजनक है कि कोरोनावायरस मामलों में बढ़ोतरी के लिए महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर कुछ लोग राजनीति चमका रहे हैं। अगर राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए संक्रमण से निपटने में विफलता आधार है तो इसे 17 अन्य राज्यों में भी लगाया जाना चाहिए। इनमें भाजपा शासित राज्य भी शामिल हैं। महामारी को रोकने में केंद्र सरकार विफल रही है। उसके पास कोई योजना नहीं थी।
सरकार को कोई खतरा नहीं, तीनों पार्टियों का साथ रहना मजबूरी
शिवसेना सांसद ने कहा कि सरकार गिराने की भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद महाराष्ट्र विकास अघाडी सरकार (एमवीए) को कोई खतरा नहीं है। राउत ने कहा- यहां तक कि अगर सत्तारूढ़ साझेदारों के बीच आंतरिक संघर्ष है, तो भी सरकार को कोई खतरा नहीं है। उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली इस सरकार का अस्तित्व बचाए रखने के लिए तीनों सहयाेगी पार्टियों शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस का साथ रहना मजबूरी है।
शिवसेना नेता ने कहा- देवेंद्र फडणवीस की अगुआई वाली भाजपा और शिवसेना की सरकार थी। उन्होंने सत्ताधारी सहयोगियों के बीच आंतरिक संघर्ष देखा, लेकिन तब भी अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। फडणवीस अब विपक्ष के नेता हैं। अघाडी सरकार की अंर्तकलह से पतन की भविष्यवाणी कर रहे हैं। अगर भाजपा और शिवसेना के बीच गहरे आंतरिक संघर्षों के बाद सरकार चली तो अब कैसे गिर सकती है।
उन्होंने कहा- फडणवीस ने हाल ही में एक ऑनलाइन से मीडिया बातचीत में कहा कि उनका एमवीए सरकार को अस्थिर करने का कोई इरादा नहीं था। यह अपने आप ही ढह जाएगी। उन्होंने कहा, फडणवीस का मतलब यह है कि तीनों सहयोगियों के बीच कलह पैदा करने और विधायकों को तोड़ने के सभी प्रयास विफल हो गए हैं। अब विपक्ष को उम्मीद है कि सहयोगी दलों के बीच कुछ होगा और सरकार टूट जाएगी।