89 साल की वृद्धा रोज थाने आकर आइस्क्रीम खाती है, आशीर्वाद देकर चली जाती है

Posted By: Himmat Jaithwar
5/12/2020

राजकोट. रविवार को मदर्स डे था, ऐसे में यहां की एक अनोखी मां की बात की जाए। जो पिछले साढ़े तीन साल से भक्तिनगर पुलिस थाने में रोज आती है और पुलिस अधिकारियों से आइस्क्रीम खाती है, फिर आशीर्वाद देकर चली जाती है।

रोज दो बार थाने आती हैं वीनू बेन
यहां के मेहुलनगर की गली नम्ब्र 6 में रहने वाली 89 साल की वीनू बेन अढ़िया हर रोज दो बार भक्तिनगर पुलिस थाने आती हैं। पुलिस वाले उसे सम्मान से बिठाते हैं, फिर उन्हें अपने हाथों से आइस्क्रीम खिलाते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि वह अपने घर से पुलिस थाने तक पैदल ही चलकर आती हैं। साढ़े तीन साल से उनका यह क्रम अनवरत जारी है।

बेटी और पोते से बात कराते हुए

बेटी और पोते से बात भी कराती है पुलिस
वीनू बेन का परिवार 70 साल से राजकोट में है। वे जब भी थाने आती हैं, तो पुलिस वाले उसे आइस्क्रीम तो खिलाते ही हैं, इसके अलावा अपने फोन से उसकी बात उनके बेटी और पोते से भी करवाते हैं। वह थाने में दो-ढाई घंटे बैठती हैं, फिर पुलिस वाले अपनी गाड़ी से उन्हें घर तक छोड़ देते हैँ। वे कोलकात में बरसों पहले टीचर रह चुकी हैं।


पीआई से बेटे जैसे संबंध
हुआ यूं कि साढ़े तीन साल पहले वीनू बेन भक्तिनगर थाने पहुंची थी, जहां उन्होंने यह शिकायत की कि उनका मकान मालिक उन्हें मकान खाली करने को कह रहा है। इस पर पीआई विरल दान गढ़वी ने उन्हें सुना। मानवता के नाते उन्होंने मकान मालिक से बात की और मकान खाली न कराने के लिए कहा। उसके बाद से वीनू बेन और पीआई गढ़वी के बीच मां-बेटे जैसा संबंध हो गया। फिर दो साल पहले जब वीनू बेन की तबीयत खराब हुई थी, तब पूरा पुलिस स्टेशन उनकी चाकरी में लगा था। इसलिए वह पुलिस वालों को अपना आशीर्वाद देने से कभी नहीं चूकती।


एकाकी जीवन जी रहीं हैं
वीनू बेन की 3 संतानें थी। एक बेटी कच्छ में अपने ससुराल में है। एक बेटे और एक बेटी का देहांत हो चुका है। राजकोट में वे एकाकी जीवन जी रही हैं। एक समय वे बर्मा में टीचर रह चुकी हैं। अब हालात ऐसे हैं कि पूरा पुलिस स्टेशन उनकी सेवा में लगा रहता है। उनके घर में राशन से लेकर हर चीज की सुविधाएं जुटाता है। अपनी छवि से अलग पुलिस वालों का यह काम उन्हें अलग ही नजरिए से देखने के लिए प्रेरित करता है।



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