इंदौर। रोज तीन सौ क्विंटल पोहे और 10 टन नमकीन की खपत करने वाले इंदौरियों ने बगैर सेव-मिक्चर के जैसे-तैसे लॉकडाउन के 48 दिन तो निकाल दिए लेकिन अब उनका सब्र जवाब देने लगा है। घर-घर राशन व सब्जी पहुंचाने वाले नगर निगम को सलाह दे डाली कि कोरोना से लड़ाई के लिए भले ही कुछ और दिन लॉकडाउन बढ़ा दो लेकिन हमारी दहलीज तक सेव-नमकीन और पोहे पहुंचा दो।
आग्रह का असर यह रहा कि प्रशासन ने भी इस बात को स्वीकारा कि लोग दाल-रोटी-आलू-प्याज खाकर उकता गए हैं। प्रशासन अब नमकीन की होम डिलीवरी करवाने पर विचार कर रहा है। माना जा रहा है कि 17 मई से पहले प्रशासन राशन पैकेट में नई वस्तुएं जोड़ने का फैसला ले लेगा। शहर में कोरोना संक्रमण के असर को देखते हुए इंदौर नगर निगम ने घर-घर राशन सामग्री बांटने का फैसला लिया था।
लॉकाडाउन को कारगर बनाने और लोगों को घरों से बाहर जाने से रोकने में यह प्रयोग सफल माना जा रहा है। इसके तहत नागरिकों को घर पर राशन के सशुल्क पैकेट उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। इसमें अभी 15 वस्तुएं हैं। अब जनता की मांग पर नगर निगम ने जिला प्रशासन को ऐसी 15 वस्तुएं और सुझाई हैं जिनकी होम डिलीवरी के लिए लगातार मांग आ रही है। इनमें सबसे खास पोहा और नमकीन है। प्रशासनिक स्तर पर आला अधिकारियों के बीच प्रस्ताव पर विचार-मंथन का दौर शुरू हो गया है। इस विषय पर जल्द फैसला होने की उम्मीद है। हालांकि अभी इन वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती रहेगी। आला अधिकारियों को नई वस्तुओं की सप्लाई चेन बनानी होगी। अधिकारी भी मान रहे हैं कि डेढ़ महीने से घर बैठे लोग अब एक ही तरह वस्तुएं खाकर उकता गए हैं। उन्हें नई वस्तुएं देना जरूरी है। इंदौर में वैसे भी 17 मई के बाद भी लॉकडाउन को लेकर स्थिति साफ नहीं है।
ये वस्तुएं जोड़ने का प्रस्ताव- रवा, सूजी, मैदा, गेहूं, दलिया, पोहा, शैंपू, हेयर ऑइल, दूध, दही, छाछ, सैनिटाइजर, फिनाइल, नमकीन, बेसन और शेविंग किट।
स्वाद का सेहत से कोई संबंध नहीं है। यदि एक सा खाना रोज खा रहे हैं और वह सेहतमंद रखता है तो उसे महीनों खाया जा सकता है। आहार में विविधता केवल स्वाद के लिए ही है। आहार में रवा, मैदा या शकर को शामिल करना सही नहीं है। बेसन जरूर शामिल करना चाहिए, यह सेहत के लिए ठीक है। दाल बदल-बदल कर खानी चाहिए। इससे हर तरह के पोषक तत्व मिल जाते हैं। - डॉ. प्रीति शुक्ला राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य, इंडियन डायटेटिक एसोसिएशन