मुख्यमंत्री जी मध्य प्रदेश शासन, महिला बाल विकास विभाग के हम ECCE समन्वयक जिन्हे मध्य प्रदेश के आँगनवाड़ी मे लाखों गरीब बच्चों के प्री स्कूल या ईसीसीई गतिविधि के सफल आयोजन के लिए सेवा मे रखा गया था। हमारा चयन विधिवत् लिखित आनलाईन परीक्षा के माध्यम से हुआ था। परंतु एक शब्द के कारण हम पर विपदा आन पड़ी है और वो है "संविदा कर्मचारी"। हमारे सेवा का विस्तार इस आशय के साथ पिछले समय मे किया जाता था कि हम ईसीसीई नीति जो कि 30 लाख बच्चों के लिए बनाई गई है उसके सफल कियान्वन के लिए हमारे पद निरंतर रहे।
अब जबकि कोरोना काल मे लाखों मजदूर गांवो मे आए है। उनके बच्चे गांव मे नर्सरी की शिक्षा तो आँगनवाड़ी मे ही प्राप्त करेंगे और तो और शहरों मे रोजगार न होने के कारण लाखों नए बच्चे आँगनवाड़ी मे नर्सरी शिक्षा के आएगे। इस परिस्थिति मे हमारी सेवा आवश्यक हो जाती है। आप को यह बताना चाहते है कि पिछली महिला बाल विकास विभाग की मंत्री श्रीमती इमरती देवी जी ने 1200 बाल शिक्षा केन्द्र नए बनाए थे जहां केवल और केवल नर्सरी शिक्षा ही दी जाती है।
माननीय कोरोना महामारी के समय ही हमारा अनुबंध 31 मार्च 2020 को समाप्त हो गया। सेवा विस्तार का आदेश अभी तक नही आया। विभाग ने फाइल चलाई है जो प्रकिया मे है, इस बीच PS wcd द्वारा कहा भी गया कि सेवा समाप्त न करे किसी भी ईसीसीई समन्वयको की, जिस पर भोपाल जैसे जिलो ने कार्य लेना प्रारंभ कर दिया परंतु इस बीच ज्यादातर अन्य जिला अधिकारी एक एक करके ईसीसीई समन्वयको को सेवा मुक्त करने का मौखिक आदेश देना प्रारंभ कर दिए है, कारण कि लिखित आदेश नही है, जबकि ये मानना चाहिए कि लिखित आदेश तो विलंब से आ सकते है जब वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है तो परंतु शायद संवेदनशीलता का अभाव है।
जबकि माननीय प्रधानमंत्री और आप स्वयं इस बात को कह चुके है कि वर्तमान परिस्थिति मे नौकरी किसी की नही जानी चाहिए। परंतु जिला स्तर से ऐसे कदम मन मे बहुत पीड़ा दे रहे है।हमारे लिए मानवीय संवेदना रखिए महोदय। कृपया हमारे सेवा विस्तार से मध्य प्रदेश के लाखों गरीब बच्चों को नर्सरी शिक्षा सुदृढ रूप से मिलेगी साथ ही साथ हम भी अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकेंगे। कृपया हमारे विभाग की कोई मंत्री नही है, इस स्थिति मे आप ही दाता हो मामा जी। हमारे सेवा विस्तार का आदेश निकलवाने का आदेश दे। नही तो हम सब बेरोजगार होकर बर्बाद हो जाएगे।