नई दिल्ली. कोरोनावायरस महामारी से टूटी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। इसी दिशा में वाणिज्य मंत्रालय नए निवेशकों को कई प्रकार की टैक्स छूट देने पर विचार कर रहा है। इस मामले से वाकिफ सूत्रों के हवाले से ईटी की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। हालांकि यह सभी प्रकार की टैक्स छूट नया कारोबार शुरू करने पर ही मिलेंगी।
500 मिलियन डॉलर से ज्यादा निवेश पर 10 साल तक टैक्स छूट
वाणिज्य मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक नई कंपनियों को निवेश के आधार पर टैक्स छूट दी जाएगी। यदि कोई कंपनी 500 मिलियन डॉलर से ज्यादा का नया निवेश करती है तो उसे 10 साल तक टैक्स पर पूरी तरह से छूट मिलेगी। प्रस्ताव के मुताबिक इस टैक्स छूट का फायदा लेने के लिए कंपनियों को 1 जून से 3 साल के भीतर ऑपरेशन शुरू करना होगा। मेडिकल डिवाइस, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम उपकरण और कैपिटल गुड्स से जुड़ी कंपनियों को यह टैक्स छूट मिलेगी।
लेबर आधारित सेक्टर्स में 100 मिलियन डॉलर के निवेश पर मिलेगी टैक्स छूट
सूत्र ने बताया कि जो कंपनियां लेबर आधारित सेक्टर्स जैसे टैक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग, लेदर और फुटवियर सेक्टर में 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश करेंगी, उन्हें चार साल तक टैक्स में पूरी तरह से छूट मिलेगी। इसके बाद अगले 6 साल तक 10 फीसदी की कम दर पर कॉरपोरेट टैक्स का भुगतान करना होगा। इस प्रस्ताव को अभी वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिलनी है। हालांकि, अभी तक इस पर कोई भी अंतिम फैसला नहीं हो पाया है।
चीन से आने वाली कंपनियों को रिझाने की तैयारी शुरू
कोरोनावायरस के कारण बिगड़ रही अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार ने निवेशकों को रिझाना शुरू कर दिया है। इसी के तहत चीन छोड़ने वाली कंपनियों को भारत में नया प्लांट लगाने के लिए आसानी से जमीन उपलब्ध कराई जा रही है। कोरोना महामारी के कारण भारत की अर्थव्यवस्था में चार दशक का बड़ा संकुचन आया है। अभी तक सरकार कोई बड़ा राहत पैकेज भी घोषित नहीं कर पाई है। कोरोना के कारण अप्रैल में करीब 1.22 करोड़ लोगों की नौकरी जा चुकी है और उपभोक्ता मांग पूरी तरह से खत्म हो चुकी है।
इंफ्रास्ट्रक्चर में विस्तार के लिए 50 कलस्टर्स का चयन
इसके अलावा वाणिज्य मंत्रालय ने इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार के लिए 50 इंडस्ट्री कलस्टक्स का चपयन किया है। इन कलस्टर्स में टैस्टिंग लैब और रिसर्च एंड डवलपमेंट सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इसमें टैक्सटाइल, फार्मा, फूड प्रोसेसिंग और जेम्स एंड ज्वैलरी जैसे सेक्टर्स का विकास शामिल है। इसके अलावा मंत्रालय टूरिज्म जैसे सेवा सेक्टर के विस्तार की योजना पर भी काम कर रही है।