मध्य प्रदेश के 3000 लोगो की बैंक डिटेल्स हैकर्स के पास: साइबर सेल

Posted By: Himmat Jaithwar
5/12/2020

भोपाल। मध्य प्रदेश की साइबर सेल ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उज्जैन में गिरफ्तार किए गए ठगों ने पूछताछ में बताया है कि डार्क नेट पर मध्य प्रदेश के 3000 लोगों की बैंक डिटेल्स मौजूद है। इनके खातों से बिना ओटीपी पैसा निकाला जा सकता है।

मात्र ₹560 में आपके बैंक की सारी डिटेल्स लीक हो जाती है

साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि मार्च में इसी प्रकार की ठगी के एक मामले में उज्जैन में साइबर सेल ने चार आरोपितों मोहम्मद शादाब, मती उल्लाह खान, फिरोज आलम और फैजल मोहम्मद को पकड़ा था। इन्होंने पूछताछ में बताया था कि ये लोग आठ डॉलर में डीपवेब और डार्कनेट बेवसाइट से किसी भी डेबिट और क्रेडिट कार्ड का डाटा खरीदते थे। 

एसपी सिंह ने बताया कि इंदौर के कार्ड की जांच का काम हमने एएसआइ रामप्रकाश वाजपेई को सौंपी था। वाजपेई ने बताया कि मामले में जब जांच की तो भारत के कुल 13 हजार कार्ड का डाटा इन वेबसाइट पर मिला। इसके बाद जब इसकी सूक्ष्म जांच की गई तो इसमें तीन हजार नंबर प्रदेश के मिले। इनमें 334 कार्ड नंबर इंदौर के हैं। सबसे अधिक SBI, ICICI और AXIS BANK के DEBIT और CREDIT CARD का डेटा उपलब्ध है।

हो सकती है धोखाधड़ी

वाजपेई के मुताबिक, जिन लोगों के कार्ड नंबर इन वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, उनके साथ धोखाधड़ी होने की आशंका बढ़ गई है। इंटरनेशनल वेबसाइट पर कार्ड का नंबर और कार्ड के पीछे दर्ज CVV CODE से ही शॉपिंग या भुगतान हो जाता है। इससे कार्डधारक के पास ओटीपी भी नहीं आता है। इससे उसके कार्ड से लगातार शॉपिंग हो सकती है और धारक को पता भी नहीं चलता है। आखिरी में बिल आने पर इसका पता चलता है।

इंदौर में इस साल ऐसी 40 शिकायतें

वाजपेई ने बताया कि इस साल अब तक इस प्रकार की 40 शिकायतें आ चुकी हैं। हमने अपील की है कि जिन कार्डधारकों के नाम इस लिस्ट में हैं, वे तत्काल बैंक से संपर्क कर अपने कार्ड ब्लॉक करवा दें और दूसरा कार्ड जारी करने के लिए कहें। इसके अलावा अपने कार्ड से अंतरराष्ट्रीय ट्रांजेक्शन की सुविधा को बहुत जरूरी होने पर ही शुरू रखें। अन्यथा इसे बंद करवा दें।



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