आज नहीं हुआ फ्लोर टेस्‍ट तो बीजेपी अपनाएगी ये नया प्‍लान

Posted By: Himmat Jaithwar
3/16/2020

नई दिल्‍ली। मध्‍य प्रदेश में सियासी हचलच के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर के अनुसार, अगर विधानसभा स्‍पीकर आज फ्लोर टेस्‍ट नहीं कराते हैं तो बीजेपी नया रुख अपना सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्‍ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज सिंह और धर्मेंद्र प्रधान के बीच हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर आज किसी भी तरह से फ्लोर टेस्‍ट को टालने की बात होती है तो वह सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।

आज फ्लोर टेस्‍ट होगा या नहीं इसपर संविधान और कानून के जानकारों की इस मुद्दे पर अलग-अलग राय है। कुछ का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 175 (2) के तहत राज्यपाल संदेश भेज सकते हैं। सदन को इस पर आदर के साथ विचार करना चाहिए। कई जानकारों का यह भी कहना है कि सदन की कार्यवाही में स्पीकर का फैसला ही अंतिम है और कब क्या कार्यवाही होगी वे ही तय करेंगे। फ्लोर टेस्ट के लिए कांग्रेस और बीजेपी के विधायक भोपाल पहुंच चुके हैं। राज्यपाल ने आज का दिन बहुमत साबित के लिए तय किया था, लेकिन विधानसभा स्पीकर प्रजापति तय करेंगे कि फ्लोर टेस्ट कब और कैसे होगा। हालांकि आज विधानसभा की दैनिक कार्यसूची में विश्वास मत का कोई जिक्र नहीं है। वहीं इन सबके बीच कमलनाथ रविवार रात को राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे।

एमपी की सियासत को देखते हुए रात से ही भोपाल में भी हलचल तेज हो गई थी। कमलनाथ की सरकार बचाने के लिए कांग्रेस के 85 विधायक रविवार को ही भोपल पहुंच गए थे। वहीं बीजेपी के भी 106 विधायक गुड़गांव से देर रात भोपाल पहुंचे। इस दौरान भोपाल पहुंचे अटेर से बीजेपी विधायक अरविंद भदौरिया ने कमलनाथ सरकार पर आरोप लगया कि बीजेपी विधायकों के परेशान किया जा रहा है। इस बीच एमपी सरकार में मंत्री पीसी शर्मा ने दावा किया है कि विश्वासमत कमलनाथ सरकार के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि विधायकों को डराया जा रहा है।

सियासी घमासान को देखते हुए दिल्ली में भी हलचल तेज हो गई है। बीजेपी के नए महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज सिंह और धर्मेंद्र प्रधान ने फ्लोर टेस्ट की रणनीति पर चर्चा की। ऐसा माना जा रहा है कि अगर फ्लोर टेस्ट नहीं होता तो बीजेपी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। सिंधिया खेमे के इस्तीफा दे चुके कांग्रेस के 22 बागी विधायकों में से भी ज्यादातर बेंगलुरु में ठहरे हुए हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने इन 22 विधायकों में से 6 के इस्तीफे शनिवार को मंजूर कर लिए थे जबकि 16 विधायकों के इस्तीफे पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है। अगर 16 विधायकों के इस्‍तीफे भी मंजूर होते हैं तो कांग्रेस के पास कुल 99 विधायक रह जाएंगे। विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 206 रह जायेगी और बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा होना जरूरी होगा।



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