भोपाल. 4 साल की मासूम अभी मां से दूर रहने की पीड़ा से ही उबर नहीं पाई थी कि उसे लेने के लिए भी दरवाजे पर एंबुलेंस खड़ी हो गई। उसे कुछ समझ नहीं आया कि ये क्या हो रहा है। पहले मां कुछ समय के लिए ही सही घर तो आती थी, लेकिन चार दिन से वह अस्पताल में ही रह रही है। और अब उसे अकेले एंबुलेंस में बैठाया जाो रहा है पूरा घर देख रहा है, लेकिन कोई उसे रोक तक नहीं रहा। पास आकर दुलार भी नहीं रहा है। आखिर ऐसा क्या हुआ है। कोई जवाब नहीं मिला तो रोने लगी। किसी को समझ भी नहीं आ रहा था कि उसे जवाब दें भी तो क्या। कैसे बताएं कि वह भी कोरोना संक्रमण का शिकार हो गई है। उसके पहले हमीदिया में नर्स मां भी इसकी गिरफ्त में आई। मां लंबे समय से इमरजेंसी मेडिकल वार्ड में डयूटी कर रही हैं। इसी दौरान किसी संदिग्ध मरीज की देखभाल करते हुए यह बीमारी उन तक पहुंची। उन्हीं से बेटी तक आ गई। नर्स मां का सैंपल 4 मई को लिया गया था, 7 को रिपोर्ट आई। उसके बाद से ही वे चिरायु अस्पताल में भर्ती है। कॉन्टेक्ट हिस्ट्री के आधार पर परिवार के बाकी नौ सदस्यों के भी 9 मई को सैंपल लिए गए हैं, लेकिन अब तक सिर्फ इस मासूम की रिपोर्ट आई है। सोमवार को रिपोर्ट पाॅजिटिव आने के बाद दोपहर 3 बजे उसे लेने के लिए एंबुलेंस पहुंची। बच्ची को घबराहट में रोते देख एंबुलेंस के ईएमटी भूपेंद्र द्विवेदी ने उसे समझाया कि उसे अस्पताल में इलाज कराने के लिए नहीं बल्कि मम्मी से मिलने के लिए ले जा रहे हैं। काफी देर तक समझाने के बाद वह शांत हुई और एंबुलेंस में बैठी। अस्पताल में उसे मां के साथ ही रखा गया है। अब दोनों का इलाज साथ ही होगा।