खरगोन-आलीराजपुर रेल लाइन के नए प्रोजेक्ट में सिंघाना भी होगा शामिल

Posted By: Himmat Jaithwar
11/1/2022

धार, मनावर । पूर्व में खंडवा से धार रेल लाइन का जो प्रोजेक्ट था, उसमें संशोधन होने के बाद अब यह रेल लाइन मार्ग खरगोन-आलीराजपुर किया जा रहा है। यह सिंघाना से भी जुड़ जाएगा। उक्त जानकारी देते हुए प्रोजेक्ट के इंजीनियर राधेश्याम पाटीदार ने बताया कि ताप्ती-नर्मदा रेल लाइन के अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल ने निर्देश पर कार्य पर किया जा रहा है।

इंजीनियर पाटीदार ने बताया कि खरगोन-आलीराजपुर रेल लाइन की मांग कई दिनों से की जा रही थी। इसमें खंडवा के बजाए ग्राम संजना को लेने पर 18 किलो की दूरी कम हो जाएगी। इसके बाद देशगांव से भीकनगांव में जहां जंक्शन बनेगा, वहां से होते हुए बमनाला से सीधे खरगोन निकलेंगे। खरगोन से सेगांव आकर जुलवानिया क्रासिंग के बाद राजपुर की पहाड़ी क्षेत्र से यह रेल लाइन गुजरेगी। यह पहाड़ी क्षेत्र दो से तीन किमी का ही होगा। पाटीदार ने बताया कि राजपुर के बाद रेल लाइन का मार्ग अंजड़ होते हुए बड़वानी से वापस नर्मदा नदी क्रास कर सिंघाना से कुक्षी निकल सकते हैं।

यहां से आलीराजपुर जंक्शन होते हुए गुजरात से यह मार्ग जुड़ जाएगा। पूर्व में रेल लाइन का जो मार्ग प्रस्तावित था, वह खंडवा से धार तक था, लेकिन इस नए मार्ग से 43 किमी की दूरी कम हो जाएगी। रेल के कुल मार्ग की लंबाई 217 किमी की है। इस संबंध में अंजड़ में भी ताप्ती-नर्मदा रेल लाइन की जिला समिति द्वारा रविवार को बैठक का आयोजन किया गया। इसमें ग्रामीण तथा आसपास के क्षेत्र से आए लोगों ने निमाड़ में रेल लाइन की मांग का समर्थन करते हुए इस पर शीघ्र कार्य शुरू करने की मांग की।

इंदुबाला ने किया 112 दिन का कठोर श्रेणी तप, तपस्वियों का आज होगा पारणा

बखतगढ़। गच्छाधिपति श्रीमद्विजय नित्यसेन सूरीश्वरजी व आचार्य श्रीमद्विजय जयरत्न सूरीश्वरजी की आज्ञानुवर्तिनी साध्वीश्री तत्वलताश्रीजी, कुसुमलताश्रीजी, राजयशाश्रीजी, जिनांगयशाश्रीजी, करुणायशाश्रीजी ठाणा-5 की प्रेरणा से नागदा जंक्शन में बखतगढ़ की बेटी एवं दिलीप दरड़ा की बहन इंदुबाला सुनील लोढ़ा ने कठोर श्रेणी तप पूर्ण किया। वहीं मधुबाला अमृतलाल ओस्तवाल ने छोटी-बड़ी अनेक तपस्याएं की। दोनों तपस्वी ने यह तपस्या वर्षावास प्रारंभ के प्रथम दिवस 12 जुलाई से प्रारंभ कर दी थी, जो 31 अक्टूबर को 112 दिन में पूर्ण हुई। दोनों तपस्वी का एक नवंबर को पारणा होगा। तप अनुमोदना के लिए बखतगढ़ से श्रावक-श्राविकाएं नागदा जंक्शन जाएंगे।



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