रायपुर। आय से अधिक संपत्ति के मामले में आठ साल पहले सीबीआइ के घेरे में आए एसईसीएल गेवरा प्रोजेक्ट में पदस्थ पीटमैन ग्रेड टू संतोष कुमार राठौर को सीबीआइ की विशेष अदालत ने दोष मुक्त कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार एसईसीएल गेवरा प्रोजेक्ट (कोरबा) में पदस्थ पीटमैन ग्रेड टू संतोष कुमार राठौर को सीबीआइ की टीम ने आय से अधिक संपत्ति मामले का आरोपित बनाकर केस दर्ज किया था। जांच के दौरान संतोष राठौर और उनकी पत्नी पदमिनी राठौर के नाम से एक अप्रैल, 1997 से एक नवंबर, 2012 तक की अवधि में आय के सभी स्रोतों से कुल 87,83,679 रुपये होना पाया गया।
इस अवधि में दंपती ने 52,03,520 रुपये खर्च करके 35,80,159 रुपये बचत किए, किंतु एक नवंबर 2012 को दोनों के स्वामित्व में 1,00,12,474 रुपये की अनुपातहीन चल और अचल संपत्ति अर्जित होना पाया गया। इस अर्जित संपत्ति को लेकर संतोष राठौर के पास कोई स्पष्टीकरण नहीं था। यह कृत्य भ्रष्टाचार की श्रेणी में होना पाकर सीबीआइ ने दर्ज प्रकरण को विशेष न्यायाधीश (सीबीआइ) विजय कुमार होता की अदालत में पेश किया।
सीबीआइ ने 79 अभियोजन साक्षियों और बचाव पक्ष की ओर से आठ साक्षियों का साक्ष्य कराया। मामले की सुनवाई सीबीआइ की विशेष न्यायाधीश ममता पटेल ने की। अदालत ने आरोपित के खिलाफ लगाए गए आरोप को सीबीआइ द्वारा प्रमाणित करने में असफल होने पर आरोपित को दोषमुक्त कर दिया। प्रकरण में सीबीआइ की ओर से अधिवक्ता रजत श्रीवास्तव और आरोपित की ओर से अधिवक्ता प्रशांत कुमार बाजपेयी ने पैरवी की।