तबादला होने के बावजूद वनकर्मियों ने खाली नहीं किए सरकारी मकान

Posted By: Himmat Jaithwar
10/28/2022

इंदौर। अक्टूबर में इंदौर वनमंडल से 40 वनकर्मियों का तबादला किया गया। अधिकांश वनरक्षक व वनपाल ने पंद्रह दिनों के भीतर नई जगह पद संभाल लिया है, लेकिन इंदौर से सरकारी आवास खाली करने की बजाए नई जगह भी मकान आवंटित करवा लिया है। ऐसे में वनकर्मियों के पास सरकारी आवास को लेकर संकट खड़ा हो गया है। मकान नहीं होने से वनकर्मियों को ठहरने में दिक्कतें आ रही है। इसे वनकर्मी अपने-अपने वनक्षेत्र में पूरे समय ड्यूटी नहीं दे पाते है। वन विभाग ने सरकारी मकान वालों की सूची बनाई है, जिसमें दर्जनभर वनकर्मियों के पास दो-दो मकान है। अब इनसे वसूली हो सकती है डीएफओ ने नोटिस देने की तैयारी में कर ली है।

वनमंडल में इंदौर, मानपुर, चोरल और महू रेंज में 220 वनकर्मी जंगल में तैनात है। चालीस वनपाल, वनरक्षक और बीटगार्ड का तबादले चार अक्टूबर को विभाग ने कर दिया। अधिकांश को अपनी-अपनी रेंज से बाहर भेजा गया है। जबकि कुछ वनकर्मियों को इंदौर और चोरल में रखा है, जिसमें कुछ महिला वनकर्मियां भी शामिल है। सात दिन में 70 फीसद वनकर्मियों को रेंज से भारमुक्त कर दिया है। उन्होंने नई जगह पदभार संभाल लिया है। अब ऐसे में महू से चोरल-मानपुर और चोरल से महू व इंदौर या फिर इंदौर से महू-मानपुर और चोरल जाने वाले वनकर्मियों को रेंज में रुकने के लिए सरकारी आवास नहीं है। इस वजह से वनकर्मी रेंज में रुकने से कतारते हैं।

बलराम उइके की पोस्टिंग भोपाल में है, लेकिन इंदौर में भी मकान आवंटित करवा रखा है, जबकि सोनलाल राठौर के पास मानपुर और महू में बीट क्वार्टर, अनिता भालसे की देवास में ड्यूटी है। पर इंदौर-देवास में एक-एक मकान आवंटित है। यहां तक चोरल में सात से आठ साल पहले सेवानिवृत्त हो चुके अब्दुल लतीफ ने वनपाल का मकान पर कब्जा कर रखा है। वैसे सिमरोल में उसका खुद का मकान बना हुआ है। आनंदा चौहान की सेंधवा में पोस्टिंग है, लेकिन इंदौर में भी एक मकान है।

हालांकि सीपी सिंह, अमित तोमर, राधा पाल ने इंदौर का सरकारी मकान खाली नहीं किया है। डीएफओ नरेंद्र पंडवा ने कहा कि सरकारी आवास के लिए वनकर्मियों ने आवेदन किया है। जल्द मकान खाली होने पर आवंटन किया जाएगा। वैसे जिन्होंने दो-दो जगह मकान ले रखे है। उनसे वसूली की जाएगी।



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