जबलपुर । पिछले महीने ओएफके के फिलिंग सेक्शन में हुए अग्निहादसे में घायल नंदकिशोर सोनी की शुक्रवार की सुबह मौत हो गई। उनकी हालत दो दिन पहले से चिंताजनक बताई जा रही थी। जिसकी वजह से उन्हें आइसीयू में वेंटीलेटर पर रखा गया था। प्रबंधन की ओर से उसका शव जबलपुर वापस लाने का इंतजाम किया जा रहा है।
29 सितंबर को ओएफके के एफ-6 सेक्शन में हुए हादसे में छह कर्मचारी घायल हुए थे। इनमें से पांच की हालत बेहतर रही, लेकिन उनमें से एक नंदकिशोर सोनी की हालत चिंताजनक होने की वजह से उसे गहन उपचार के लिए 30 सितंबर को मुंबई के नेशनल बर्न यूनिट अस्पताल के लिए रेफर किया गया था। शुरूआत में उनकी हालत में सुधार भी देखा गया। उसके दो आपरेशन भी हुए। लेकिन अचानक उसके शरीर में इंफेक्शन फैलने लगा। बुखार आ गया और प्लेटलेट्स घटने लगीं। उसे गहन उपचार के लिए आइसीयू में भर्ती कराया गया, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद शुक्रवार की सुबह नौ बजे उसके निधन की जानकारी आ गई।
ओएफके के जनसंपर्क अधिकारी एवं संयुक्त महाप्रबंधक दिनेश कुमार ने नंदकिशोर सोनी के निधन की पुष्ट की है। उन्होंने बताया कि नंदकिशोर के शव को जबलपुर वापस लाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। उम्मीद है कि शनिवार की सुबह तक शव जबलपुर पहुंच सकता है।
परिजनों के सहयोग की मांग
नंद किशोर सोनी के निधन से ओएफके कर्मचारियों में शोक क्याप्त है। इंटक के आनंद शर्मा, अमित चौबे, अखिलेश पटेल, अनिल गुप्ता, हृदेश यादव, राजीव रंजन, अनुपम भौमिक, महेंद्र रजक, राकेश जायसवाल, धर्मेंद्र रजक, जीजो सी जैकब, जीवन सिंह, मोहम्मद नसीम, महबूब खान, आशीष तिवारी, कुंवर पाल, उदय जायसवाल, चंद्रशेखर सिंह, रमेश यादव, ललित जाट, रविकांत मिश्रा सहित लेबर यूनियन के रामप्रवेश, रूपेश पाठक, अर्नब दास गुप्ता, प्रेम लाल सेन, हरिहर मीणा, पुष्पेंद्र सिंह, राजेंद्र कुमार, शशिभूषण पासवान ने शशिकांत सोनी के स्वजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्या को नौकरी देने की मांग की है।