इंदौर। इंदौर के होलकर स्टेडियम में मंगलवार को होने वाले भारत-दक्षिण अफ्रीका के मैच के एक दिन पहले नगर निगम के अफसरों को कर वसूली की याद आ गई। निगम के राजस्व विभाग की टीम सोमवार दोपहर 12 बजे होलकर स्टेडियम में संपत्ति घर, जलकर, कचरा संग्रहण शुल्क व पार्किंग शुल्क वसूल करने पहुंच गई। माना जा रहा है कि मैच के पास न मिलने के कारण नगर निगम के अफसरों ने कार्रवाई को अंजाम दिया। हालांकि, निगम के अफसर इससे साफ इंकार कर रहे हैं। उधर, एमपीसीए के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की।
एमपीसीए के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने कहा कि मैं जब अपने दफ्तर में बैठा था तो मुझे बताया गया कि नगर निगम के कुछ अधिकारी हमारे अकाउंट्स डिपोर्टमेंट में आकर बैठे हैं। ये सभी एमपीसीए से बकाया टैक्स और बकाया कचरा शुल्क देने की मांग कर रहे हैं। खांडेकर ने बताया कि 29 सितंबर को नगर निगम से हमें जो चिट्ठी मिली थी उसका हमने जवाब दे दिया था। उन्होंने कहा कि हमारी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन अचानक अंतराष्ट्रीय मैच के दौरान बहुत सारे अधिकारी हमारे दफ्तर में घुसकर धमकाते हैं। इसके बाद अकाउंट्स डिपार्टमेंट के लोगों ने उनसे कहा कि आप हमारे अध्यक्ष से मिल लीजिए, इसके बाद नगर निगम की लता अग्रवाल और कई अधिकारी मेरे कमरे में आए। इसके बाद वो हमें डराने की कोशिश कर रहे थे, इसके पीछे उनका दूसरा उद्देश्य था।
उधर, नगर निगम की अपर आयुक्त भव्या मित्तल के मुताबिक, मैच के पहले क्रिकेट एसोसिएशन को निगम से एनओसी लेना होती है। एमपीसीए ने संपत्तिकर, पार्किंग शुल्क व अन्य करों का भुगतान नहीं किया था। इस वजह से हमारी टीम कर वसूली के लिए पहुुंची। मैच के पास न मिलने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। मेरे पास तो किसी तरह के मैच पास आए भी नहीं।
निगम के जोन नंबर 9 के सहायक राजस्व अधिकारी अभय कुमार त्रिपाठी के मुताबिक, एमपीसीए की एक पार्किंग के 2.5 लाख रुपये, जलकर के 1.80 लाख रुपये, कचरा संग्रहण शुल्क के 11 हजार 898 रुपये और संपत्ति कर के एडवांस भुगतान के बाद भी 94 हजार रुपये की राशि बकाया थी। इस वजह से हमारी टीम कर वसूली के लिए स्टेडियम पहुंची थी। एमपीसीएस ने बकाया करों का भुगतान किया। इसके बाद उन्हें मैच के आयोजन के लिए एनओसी दी। नगर निगम की उपायुक्त लता अग्रवाल के मुताबिक हम हर बड़े बकायादार पर कार्रवाई करते हंै। एमपीसीए के संपत्तिकर व अन्य मदों की राशि बकाया थी। इस वजह से टीम वसूली के लिए वहां गई।