ग्वालियर। जूनियर डॉक्टर आकाश गढ़वाल के पॉजीटिव आने के बाद जेएएच को हाईरिस्क जोन घोषित कर दिया गया है। जेएएच परिसर से लेकर हॉस्टल तक लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। जेएएच कैंपस में केवल डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ के साथ ही भर्ती मरीजों के अटेण्डरों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। जेएएच कैंपस सहित मेडिसन आईसीयू व आइसोलेशन वार्ड वाले इलाके को हाई रिस्क जोन में रखा गया है। वहीं मेडिसन आईसीयू सेनेटाइज करा लिया गया है।
पीजी छात्र आकाश गढ़वाल के कोरोना पॉजीटिव पाए जाने के बाद सीनियर बॉयस हॉस्टल को सील करने के साथ ही डाक्टर आकाश के संपर्क में आए लगभग चार दर्जन जूनियर डॉक्टरों के सैंपल जांच के लिए लिए गए है। यहीं नहीं मेडिसन आईसीयू में पदस्थ 46 डॉक्टरों सहित पैरामेडिकल कर्मचारियों के कोरोना जांच सैंपल देर रात लेने के बाद जांच के लिए जीआरएमसी की लैब में भेज दिए गए।
कोल्ड ओपीडी में मरीज की एंट्री
जेएएच परिसर को हाईरिस्क जोन बनाने के बाद रविवार को माधव डिस्पेंसरी में संचालित हो रही कोल्ड ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों को थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद प्रवेश दिया जाएगा। मरीजों के साथ आने वाले परिजनों की एंट्री वर्जित रहेगी। जांच सैंपल व चेकअप कराने के बाद कोल्ड ओपीडी पहुंचने वाले हर मरीज की जानकारी ओपीडी के प्रवेश द्वार पर रजिस्टर में अंकित की जाएगी।
जांच रिपोर्ट आने के बाद ही शुरु होगा आईसीयू
जेएएच के मेडिसन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.ओपी जाटव ने बताया कि मेडिसन आईसीयू के साथ ही पूरे कैंपस को सेनेटाइज कराया गया है। मेडिसन आईसीयू व डायलेसिस विभाग डॉक्टरों व पेरामेडिकल स्टाफ के लिए गए सैंपलों की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मरीजों के लिए शुरु किया जाएगा। फिलहाल गंभीर रोग से पीडि़त होने वाले मरीजों को केआरएच में बनाए गए अस्थायी वार्ड में भर्ती कराया जाएगा। इस अस्थायी वार्ड में मरीजों के इलाज में उपयोगकिए जाने वाले सभी मेडिकल इक्यपूमेंट लगाए जा रहे हैं।