भोपाल। राजधानी में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के डाक्टरों ने एक मरीज के पेट में छोटा सा छेद कर बड़ा आपरेशन किया है। इसे 'की होल' आपरेशन के नाम से जाना जाता है। इसमें वीडियो आधारित तकनीक का उपयोग करते हैं। अब मरीज खतरे से बाहर है। यह आपरेशन बीते दिनों में किया है।
एम्स प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक मरीज राहुल सिंह (बदला हुआ नाम) को अग्नाशय के पास फोड़ा हो गया था। जिसकी वजह से वह पेट में दर्द, उल्टी और बुखार से परेशान था। वह काफी इलाज करा चुका था लेकिन आराम नहीं मिला तो वह कुछ दिन पूर्व एम्स पहुंचा था। यहां सीटी स्कैन और अन्य जांचे की गई थी जिसकी रिपोर्ट में सामने आया कि उसके अग्न्याशय के पास फोड़ा है। इसे क्रोनिक पेंक्रियाटाइटिस (तीव्र अग्न्याशय बीमारी) कहा जाता है। एम्स के डा. स्वागत ब्रह्मचारी, डा. मूरत सिंह यादव और डा. विकास लाल ने प्रोफेसर डा. श्याम लाल, डा. जेपी शर्मा और डा. परिणीता मंडल ने वीडियो असिस्टेड रेट्रोपरिटोनियल डिब्राइडमेंट नामक एक आपरेटिव तकनीक की मदद से आपरेशन किया है। इसके पूर्व मरीज को नस के माध्यम से दवाएं दी थी।
बीमारी के बारे में जानें
अग्नाशय में फोड़ा होना गंभीर होता है। इसमें दिल का दौरा भी पड़ सकता है। क्रोनिक पेंक्रियाटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें अग्नाशय में सूजन आने लगती है। यह दो तरह से होती है। एक तो अचानक सूजन आ जाती है और दूसरा यह कि शराब पीने से अग्नाशय प्रभावित होने लगता है, यह देरी से पता चलता है। तब तक शरीर को काफी नुकसान हो जाता है। डाक्टरों के मुताबिक यह बीमारी काफी गंभीर होती है और बहुत ही कम लोगों को होती है। इसमें जान पर खतरा बन आता है इसलिए जब भी पेट दर्द हो, लगातार बुखार आता हो और उल्टियां बंद न हो तो तुरंत जांच करानी चाहिए और बीमारी की जड़ तक जाना चाहिए।