उपभोक्ताओं को समय पर जानकारी देने, कार्यों में तेजी और सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए बिजली वितरण कंपनी आइवीआरएस नंबर के साथ मोबाइल नंबर लिंक कर रही है। तीन माह में अभियान चलाकर बिजली कंपनी ने 15 जिलों के पांच लाख नंबर जुटाए हैं। अब सक्रिय बिजली खातों से 44 लाख मोबाइल नंबर लिंक हो चुके हैं।
मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि सभी जोन, वितरण केंद्रों के कर्मचारियों, मीटर रीडरों के माध्यम से मोबाइल नंबर एकत्र किए जा रहे हैं। कंपनी के पोर्टल और काल सेंटर के माध्यम से भी मोबाइल नंबर लिए जा रहे हैं। इसी से तीन माह में लगभग पांच लाख नंबर और लिंक किए गए हैं। अब बिजली खातों से मोबाइल नंबरों की लिंकिंग संख्या 44 लाख के पार कर गई है।
इंदौर जिले में आठ लाख मोबाइल नंबर लिंक - तोमर ने बताया कि इंदौर जिले में आठ लाख मोबाइल नंबर लिंक हैं। इसी के साथ उज्जैन, धार, खरगोन, देवास जिलों में तीन से चार लाख मोबाइल नंबर लिंक किए गए हैं। शेष जिलों में एक लाख से तीन लाख मोबाइल नंबर लिंक हुए हैं। कंपनी क्षेत्र के लगभग 80 फीसद उपभोक्ताओं के नंबर एकत्र किए गए हैं, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र और कृषि क्षेत्र के उपभोक्ता भी शामिल है।कारगर साबित हो रहे नंबर - तोमर ने बताया कि पेपरलैस बिल, बिल की राशि बताने, अंतिम तिथि, क्षेत्र विशेष में आई तकनीकी दिक्कत की तुरंत सूचना देने, कृषि उपभोक्ताओं को सब्सिडी की जानकारी आदि देने के लिए ये नंबर कारगर साबित हो रहे हैं। तोमर ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से उपभोक्ता सेवाओं को औऱ बेहतर करने तथा समय पर जानकारी देने के लिए शेष उपभोक्ताओं के नंबर भी जुटाने के लिए निर्देशित किया गया है।