EXCLUSIVE: दिल्ली दंगों में पुलिस की भूमिका से गृह मंत्रालय नाराज़, रिपोर्ट तलब

Posted By: Himmat Jaithwar
3/6/2020

नई दिल्ली। दिल्ली दंगों के दौरान राजधानी में तैनात कई पुलिस अफसरों की भूमिका की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। उनकी लापरवाही और समय पर कार्रवाई ना करने के मामले में एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जा रही है।
गृह मंत्रालय ने इंटेलिजेंस और अन्य विश्वस्त सूत्रों द्वारा दी गई रिपोर्ट के बाद पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव से कई पुलिस ऑफिसर को लेकर नाराजगी जताई। बताया जा रहा है कि 24 फरवरी को जब भजनपुरा, चांद बाग़, करावल नगर, सम्राट गली, गोकुलपुरी में हिंसा भड़क रही थी उस वक्त वहां स्पेशल अतिरिक्त सीपी रैंक के कुछ ऑफिसर और डीसीपी और पुलिस बल के साथ मौजूद थ
इस बीच कई बार हिंसाग्रस्त इलाकों के बारे में सूचना मिलने के बावजूद कई अफसर सिर्फ मेन रोड पर ही टहलते रहे। आईबी सहायक अंकित शर्मा के मामले में भी अगर समय पर करवाई होती तो उनकी जान बच सकती थी।
आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने जिस ढंग से दंगे के दौरान उसके घर एडिशनल सीपी अजित सिंगला के आने की बात कही है उसको भी लेकर बहुत सारे सवाल ऊठ रहे हैं।
गृह मंत्रालय को यह भी बताया गया है कि जिस घटना में शाहदरा के डीसीपी को दंगाइयों ने बुरी तरह मारा था उसमें भी मौके पर पुलिस बल काफी देर से पहुंचा। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक डीसीपी अमित शर्मा को दंगाइयों से सकुशल बचाया जा सकता था। दंगे वाले दिन शाहदरा के डीसीपी अमित कुछ पुलिस कर्मियों के साथ दंगाइयों से घिर गए थे।
उस समय उनके साथ मौजूद पुलिसकर्मियों ने ज्यादा पुलिस बल भेजने की गुहार भी लगाई थी। पर्याप्त संख्या में पुलिस बल नहीं होने की वजह से अमित शर्मा को दंगाइयों ने जख्मी कर दिया और कॉन्स्टेबल रतन लाल दंगाइयों की गोली से मारे गए थे। इस घटना में अमित शर्मा बुरी तरह जख्मी हुए थे और उन्हें पटपड़गंज के एक बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी सर्जरी करनी पड़ी थी।

डोभाल ने श्रीवास्तव से जताई थी नाराजगी
जब 25 फरवरी देर रात और फिर 26 की शाम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल मौके पर पहुंचे तो उन्हें मौजपुर गोंडा और बाबरपुर इलाके में लोगों से पुलिस के ढुलमुल रवैए की शिकायत मिली। गौरतलब है कि अजीत डोभाल ने इस मामले में पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव से नाराजगी जताई थी। एसएन श्रीवास्तव को एक दिन पहले ही विशेष आयुक्त के तौर पर नियुक्त किया गया था।

 वीडियो में अजीत डोभाल विशेष आयुक्त को लगभग झड़कते हुए नजर आ रहे हैं। इसी दौरान जब एसएन श्रीवास्तव ने पुलिस द्वारा समुचित कार्रवाई की बात कही तो उस पर डोभाल ने पुलिस के रहने के बावजूद कुछ कॉलोनी में दंगाइयों द्वारा हमले को लेकर सवाल उठाए थे।

क्या अफसरों में संवाद की कमी थी?
दिल्ली पुलिस के अफसरों के बीच कम्युनिकेशन गैप को भी लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं और इस मामले पर भी विभाग के कई आला अफसरों ने जानकारी मांगी है।
सीआरपीएफ क्यों थी स्टैंडबाई पर?
दंगों के दौरान सीलमपुर डीसीपी ऑफिस में मौजूद अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ कि कई टुकड़ी स्टैंडबाई पर रखी गई थीं। सीआरपीएफ सूत्रों के मुताबिक उनके कुछ अधिकारियों ने दंगों के दौरान काफी देर तक खुद को स्टैंडबाई रखने पर भी सवाल उठाया था। सीआरपीएफ का इस्तेमाल मंगलवार देर शाम जाफराबाद में तैनाती के साथ किया गया था। इसको भी लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इसका जवाब जिम्मेदार अफसरों को देना होगा।



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