शिवपुरी। गंभीर स्थिति में शिवपुरी जिला चिकित्सालय से ग्वालियर रेफर की गई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आयुषी वर्मा उम्र 35 वर्ष की मृत्यु हो गई। आयुषी वर्मा की मृत्यु की खबर आते ही करौंदी कॉलोनी में दहशत दौड़ गई। लोगों ने खुद को अपने अपने घरों में बंद कर लिया। कॉलोनी वालों का कहना है कि आयुषी वर्मा कोरोना संदिग्ध थी। वह बुखार से पीड़ित थी और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। कॉलोनी वालों का कहना है कि हमने इसके बारे में प्रशासन को जानकारी दी थी परंतु प्रशासन ने आयुषी वर्मा का सैंपल तक कलेक्ट नहीं किया।
कॉलोनी के लोग क्यों घबराए हुए हैं
करौंदी कॉलोनी के लोगों कहना है कि आयुषी का न तो ग्वालियर में ही कोरोना टेस्ट किया गया और न ही शिवपुरी में ही उसका सैंपल लिया गया है। सुबह के समय स्वास्थ्य विभाग को भी इसकी जानकारी दी थी, लेकिन अब तक कोई भी मौके पर नहीं आया। सूचना फिजिकल थाना पुलिस को भी दी गई।
प्राइवेट डॉक्टर ने पुष्टि की, बुखार की दवाई लेने आई थी
थाना प्रभारी सुनील खेमरिया मौके पर पहुंचे तो परिजनों ने उन्हें ग्वालियर की रिपोर्ट और पर्चे दिखाए, जिसमें आयुषी की मौत किडनी फेल हो जाने के कारण बताई गई है। उधर जिन दो प्राइवेट डॉक्टरों से आयुषी ने इलाज कराया था। उनमें से एक का कहना है कि महिला उसके पास बुखार की दवा लेने आई थी। एक बार आने के बाद दोबारा नहीं आई।
विभागीय अधिकारी बोले कोरोना के लक्षण नहीं थे
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की मौत को लेकर महिला बाल विकास अधिकारी देवेन्द्र सुंदरियाल का कहना है कि इस मामले में ग्वालियर कमलाराजा की डीन से उनकी बात हुई है। आयुषी में कोरोना के लक्षण नहीं थे। आयुषी के साथी कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह तीन-चार महीने पहले से बीमार चल रही थी। इसलिए कोरोना संक्रमण की आशंका नहीं है। ड्यूटी डॉक्टर दिनेश राजपूत का कहना है कि आयुषी की किडनी फेल होने से उसे ग्वालियर रेफर किया गया था।